Delhi Jal Board: द्वारका की 119 सोसायटियों का पानी बिल पर 10 फीसदी छूट रद्द, क्या वजह?
Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड ने द्वारका की 119 सोसायटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन सोसाइटियों से पानी के बिलों पर मिलने वाली 10 फीसदी छूट वापस ले ली गई है। जानें पूरा मामला...
दिल्ली जल बोर्ड ने 119 सोसाइटियों पानी बिल पर 10 फीसदी छूट वापस ली।
Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने द्वारका की 119 ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों को मिलने वाली पानी के बिलों पर 10 फीसदी की छूट वापस ले ली है। साथ ही उन्हें वाटर सप्लाई काटने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया। इसको लेकर जल बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सूचना दी है। इसमें बताया गया कि इन सोसायटियों में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) सिस्टम नहीं पाया गया, जिसकी कारण यह कदम उठाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड ने बताया कि मार्च में हाउसिंग सोसायटियों से छूट का लाभ वापस ले लिया था। यह कदम उठाने से पहले जल बोर्ड ने एक सर्वे किया था, जिसमें पता चला कि कि इन सोसाइटियों में बड़े पैमाने पर ग्राउंड वाटर पॉल्यूशन पाया गया। वहां पर बारिश का पानी स्टोर करने के लिए बनाए गए गड्ढों की हालत खराब पाई गई।
176 सोसायटियों की हुई जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी में DJB ने दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) को द्वारका की 176 सोसायटियों की लिस्ट सौंपी थी। इन सोसायटियों के RWH यानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच की गई। इनमें से 115 सोसायटियों के गड्ढों में फेकल कोलीफॉर्म पाया गया था, जबकि अन्य 4 RWH सिस्टम काम नहीं कर रहे थे।
इन सोसायटियों पर जुर्माना लगाने की मांग
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड की ओर से DPCC को एक लेटर भेजा गया है। इसमें DJB ने सिफारिश की है कि इन सोसायटियों पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत पर्यावरण मुआवजे लगाया जाए। DJB ने लेटर में कहा कि छत की सफाई न करने, RWH संरचना के सही रखरखाव न करने और RWH संरचनाओं में सतही नालियों के कनेक्शन की वजह से प्रदूषण होता है।
55 सोसायटियों के आए जवाब
दिल्ली जल बोर्ड ने 24 मार्च को 119 सोसायटियों के लिए पानी के बिलों पर 10 फीसदी छूट का लाभ वापस ले लिया। इसके साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर सुधार नहीं किया गया, तो उनकी पानी सप्लाई भी काट दी जाएगी। इस कार्रवाई के बाद 55 सोसायटियों की ओर से दिल्ली जल बोर्ड को जवाब आए। इनमें से 19 सोसायटियों में फेकल कोलीफॉर्म पाया गया, जबकि 9 में गड्ढे सूखे पाए गए। इसके अलावा 5 सोसायटियों में सुधार का काम चल रहा था, जबकि 2 सोसायटियों में RWH सिस्टम नहीं था। वहीं, 12 सोसायटियों ने थोड़े समय की मांग की।
इन सोसाइटियों में RWH सिस्टम जरूरी
बता दें कि दिल्ली में 100 स्क्वायर मीटर से ज्यादा एरिया वाली सभी प्रॉपर्टीज में RWH सिस्टम जरूरी है। इस सिस्टम को लगाने के बाद सोसाइटी को पानी के बिलों में 10 फीसदी तक की छूट मिलती है। इसके अलावा दिल्ली के सरकारी इमारतों में भी RWH सिस्टम लगाना जरूरी है।