Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा किया रद्द, जानें पूरा मामला
Delhi High Court: भारतीय क्रिकेट टीम के कोच और पूर्व सांसद गौतम गंभीर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने कोविड महामारी के दौरान दवा भंडारण और वितरण से संबंधित आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम गंभीर के खिलाफ क्रिमिनल केस खारिज कर दिया।
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के कोच और पूर्व सांसद गौतम गंभीर को बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर और उनकी फाउंडेशन के खिलाफ कोविड-19 के दौरान दवाओं के 'अवैध' भंडारण और वितरण के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया। ये आदेश न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश पारित किया है।
जस्टिस नीना बंसल ने कोर्ट में आदेश देते हुए कहा कि गौतम गंभीर के खिलाफ आपराधिक शिकायत रद्द की जाती है। बता दें कि हाई कोर्ट ने यह आदेश उस अर्जी पर दिया है, जिसमें गौतम गंभीर के साथ ही उनकी पत्नी, मां और संगठन के खिलाफ निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी गई थी। इस समन में आपराधिक शिकायत को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। इसी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले को रद्द कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी के शासन के समय दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने पूर्वी दिल्ली के तत्कालीन सांसद गौतम गंभीर के खिलाफ औषधि एवं कॉस्मेटिक्स अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में गौतम गंभीर, उनके गैर लाभकारी संगठन, एनजीओ की सीईओ अपराजिता सिंह और गंभीर की मां सीमा गंभीर के साथ ही पत्नी नताशा गंभीर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीमा गंभीर और नताशा गंभीर इस संगठन की न्यासी हैं।
इस मामले में कॉस्मेटिक्स अधिनियम की धारा 18(सी) धारा 27(बी)(2) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई थी। धारा 18(सी) बिना लाइसेंस के दवाएं बनाने, बेचने और बिक्री वितरण पर रोक लगाई गई है। वहीं धारा 27(बी)(2) के तहत बिना वैध लाइसेंस के दवाएं बेचने और वितरण पर जेल की सजा का प्रावधान है।
बता दें कि गौतम गंभीर एक भारतीय पूर्व क्रिकेटर, राजनेता, और पूर्व भारतीय सांसद हैं। वह दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे साल 2019 में बीजेपी से जुड़कर राजनीति में शामिल हुए। साल 2019 से 2024 के बीच वे लोकसभा सांसद रहे। 2024 में लोकसभा चुनाव हार गए। वहीं उम्मीद है कि उन्हें 2025 में एमसीडी (नगर निगम) चुनाव में भाजपा का चेहरा बनाया जा सकता है।
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