Delhi Special Court: दिल्ली में खुलेंगे 16 नए स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट...आतंक-गैंगस्टरों के खिलाफ होगी तेज कार्रवाई
Special Fast Track Court: दिल्ली सरकार ने राजधानी में अपराध और आतंक के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के लिए स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का फैसला लिया है।
दिल्ली में खुलेंगे स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट।
Delhi Special Fast Track Court: दिल्ली में आतंक और गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने 16 नए स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट को स्थापित करने का फैसला लिया है। राजधानी में UAPA, NIA एक्ट और MCOCA जैसे कड़े कानूनों के तहत आने वाले मामलों को सुनवाई करने के लिए 16 डेडिकेटेड फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे।
इन कोर्ट को राउज एवेन्यू कॉम्प्लेक्स में स्थापित किया जाएगा। कोर्ट का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के आरोपियों, पेशेवर गैंगस्टरों और कट्टर अपराधियों के ट्रायल तेजी से पूरा करना है, ताकि मुकदमे की देरी के बहाने जमानत ना हो सके।
TOIT की रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में 100 से ज्यादा मामले पेंडिग हैं, जिनमें हजारों गवाह और करीब 500 आरोपी शामिल हैं। मामले में सुनवाई के बावजूद भी ट्रायल सालों तक चलते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि आरोपी देरी का हवाला देकर जमानत ले लेता है।
अदालतों पर बोझ कम होगा
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में स्पेशल कोर्ट बनाने पर जोर दिया था। अपराध और आतंकी मामलों में देरी के कारण न्याय व्यवस्था कमजोर हो जाती है। इन स्पेशल कोर्ट में केवल सीनियर और अनुभवी जज नियुक्त होंगे, जो किसी भी दबाव में नहीं आएंगे।स्पेशल फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित होने से मौजूदा अदालतों का बोझ कम हो जाएगा।
बुजुर्गों, कमजोर वर्गों और दूसरे विचाराधीन कैदियों के मामलों की सुनवाई तेजी से हो सकेगी। दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली सरकार और हाईकोर्ट के बीच कई बैठकें हुईं। हाईकोर्ट द्वारा जज उपलब्ध कराने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। वहीं राउज एवेन्यू कॉम्प्लेक्स के सातवें फ्लोर पर 16 नए कोर्टरूम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार ने दिया हलफनामा
ऐसा भी कहा जा रहा है कि पहले से तैयार 34 डिजिटल कोर्टरूम का संशोधन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में ऐसे डेडिकेटेड कोर्ट बनाने पर जोर दिया है। CJI सूर्यकांत की पीठ को सरकार ने हलफनामा देकर आश्वासन दिया है कि 16 स्पेशल कोर्ट बनाए जा रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर मदद देने के लिए कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी में इस मामले पर फिर से समीक्षा की जाएगी।
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