DDA Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन पर संसद में बहस, 3 साल में तोड़े गए 5000 से ज्यादा घर

DDA Bulldozer Action: दिल्ली में कितनी झुग्गियां तोड़ी गईं और कितने परिवारों को घर दिया गया? ये मुद्दा राज्यसभा में गूंजा। इस पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने जवाब दिया है।

Updated On 2025-07-22 15:57:00 IST

डीडीए बुलडोजर एक्शन

DDA Bulldozer Action: दिल्ली में झुग्गियां तोड़ने का मामला राज्यसभा तक पहुंच गया है। आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज जा ने दिल्ली सरकार से सवाल पूछा कि पिछले तीन साल में डीडीए ने कितनी झुग्गियों तो तोड़ा है? इसके कारण विस्थापित हुए लोगों या परिवारों की कुल संख्या कितनी है?

इस पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया है कि DDA ने पिछले तीन सालों में कुल 5 जगहों से अतिक्रमण हटाया है। इन ध्वस्तीकरण कार्रवाई के कारण 5158 परिवार विस्थापित हुए। इनमें से कुल 3403 परिवार या 17015 लोगों को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) की तरफ से जारी किए गए दिल्ली स्लम और झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति, 2015 के अनुसार वैकल्पिक पुनर्वास के लिए पात्र पाए गए। जो लोग पात्र पाए गए, उन निवासियों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ वैकल्पिक पुनर्वास दिया गया।

कितने परिवारों को मिला पुनर्वास

  • मंत्रालय ने कहा कि कालकाजी के गोविंदपुरी इलाके में भूमिहीन कैंप के 1896 परिवारों को कालकाजी एक्सटेंशन में इन-सीटू स्लम पुनर्वास (ISR) के तहत बसाया गया।
  • अशोक विहार के जेलरवाला बाग में 1087 झुग्गी-झोपड़ी वाले परिवारों को स्वाभिमान अपार्टमेंट में ISR प्रोजेक्ट में घर दिया गया है।
  • रामपुरा के गोल्डन पार्क के 271 परिवारों को स्वाभिमान अपार्टमेंट में घर दिए गए।
  • माता जय कौर के 46 परिवारों को भी स्वाभिमान अपार्टमेंट में घर दिए गए।
  • इसके अलावा RML के पास कालीबाड़ी झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर के 103 परिवारों को नरेला सेक्टर G-7 और G-8 में घर अलॉट किए गए।

पुनर्वास के समय डीडीए को इन चुनौतियों का करना पड़ा सामना

मंत्रालय ने बताया कि जिस समय झुग्गी झोपड़ी वालों को पुनर्वास के लिए फ्लैट दिए गए, उस समय डीडीए को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। झुग्गी-झोपड़ी से आधुनिक फ्लैट में जीवन जीने का तरीका सिखाने के लिए एनजीओ का सहारा लेना पड़ा। उन्हें एकजुट रहना, कॉमन एरिया शेयर करना, लिफ्ट पर कम्यूनिटी ऑनरशिप और बदलावों के साथ तालमेल बिठाना मुख्य चुनौतियां थीं।

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