RRTS Corridor: दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का काम पूरा, 8 नए कॉरिडोर बनाने की तैयारी, देखें डिटेल्स

RRTS Corridor: दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर के पूरे हिस्से का जल्द उद्घाटन किया जा सकता है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों के लिए 8 और कॉरिडोर बनने प्रस्तावित हैं। इन कॉरिडोर का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जाएगा।

Updated On 2025-09-13 15:19:00 IST

एनसीआर में बनेंगे 8 नए RRTS कॉरिडोर।

RRTS Corridor: दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर लगभग आधे से अधिक पूरा हो चुका है और इसमें सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर के दिल्ली के अशोक नगर से मेरठ साउथ स्टेशन तक का हिस्सा चालू कर दिया गया है। इस हिस्से पर ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। बाकी के बचे 27 किलोमीटर का जल्द उद्घाटन होने वाला है। संभावना है कि पीएम मोदी के जन्मदिन यानी 17 सितंबर को यह शुरू हो जाएगा। इसके अलावा एनसीआर क्षेत्र में अन्य 8 कॉरिडोर भी प्रस्तावित हैं। इनका काम भी शुरू किया जाएगा। जो अलग-अलग चरणों में संपन्न होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले चरण में तीन आरआरटीएस कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए थे। इनमें से पहला था-  दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत आरआरटीएस(Rapid Rail Transit System), जिसका काम पूरा हो चुका है। इस कॉरिडोर का पूरा हिस्से जल्द शुरू हो जाएगा। इसके खुलने से दिल्ली, मेरठ और गाजियाबाद में सफर करने वाले लोगों को राहत मिलेगी।

इसके बाद दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत-करनाल आरआरटीएस कॉरिडोर का काम शुरू किया जाएगा। इन कॉरिडोर के लिए डीपीआर तैयार की जा चुकी है। राज्य सरकार की तरफ से मंजूरी भी दी जा चुकी है। हालांकि अभी केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिलना बाकी है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इन कॉरिडोर का काम अलग-अलग चरणों में शुरू कर दिया जाएगा।

इन कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद 5 अन्य कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे। इनमें से एक गाजियाबाद-हापुड़ आरआरटीएस कॉरिडोर होगा। दूसरा जियाबाद-खुर्जा कॉरिडोर होगा। तीसरा दिल्ली–बहादुरगढ़–रोहतक आरआरटीएस कॉरिडोर बनाया जाएगा। चौथा दिल्ली–फरीदाबाद–बल्देवगढ़–पलवल कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा और पांचवां दिल्ली–शाहदरा–बारौत आरआरटीएस कॉरिडोर प्रस्तावित है।

इन कॉरिडोर की लंबाई 1500 किलोमीटर होगी। इनके बन जाने से यात्रा सुरक्षित और आरामदायक हो जाएगी। साथ ही आसपास के शहरों में आवागमन आसान हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इन कॉरिडोर को बनाने का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करना है। साथ ही ट्रैफिक जाम से थोड़ी राहत मिल सकेगी और रीजनल कनेक्टिविटी भी आसान हो जाएगी।

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