Stray Dogs Issue: आवारा कुत्तों पर 'सुप्रीम' फैसले की 10 बड़ी बातें, डॉग लवर्स-निगम को मिले ये निर्देश

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिए गए पुराने फैसले में संशोधन किया है। कोर्ट ने नगर निगम, डॉग लवर्स और एनजीओ को कई अहम निर्देश दिए हैं।

Updated On 2025-08-22 12:52:00 IST

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Supreme Court: 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में कुत्ते सड़कों और गलियों में नहीं, बल्कि शेल्टर होम में रहेंगे। ये आदेश कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिया गया था। हालांकि शुक्रवार (22 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने इस फैसले में संशोधन करते हुए नया आदेश जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में कहा है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा। नगर निगम ने जिन आवारा कुत्तों को पकड़ा है, उन्हें भी वापस उसी इलाके में छोड़ना होगा। हालांकि छोड़ने से इन कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण होगा। आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के अलग से जगह बनाई जाएंगी। केवल उन्हीं जगहों पर कुत्तों को खाना दिया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फीडिंग जोन बनाने के लिए एनजीओ को 25000 रुपए की धनराशि दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के बड़े निर्देश इस प्रकार हैं-

  • सर्वोच्च कोर्ट ने निर्देश दिया है कि नगर निगम के अधिकारियों को 11 अगस्त को दिए गए कुत्तों के लिए आश्रय और बाड़े बनाने वाले निर्देश का पालन करना होगा।
  • सड़कों से अब कुत्तों को नहीं उठाया जाए और पहले से उठाए गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जाए।
  • हालांकि आक्रामक और बीमार कुत्तों को उठाकर उनका टीकाकरण और नसबंदी की जाए, लेकिन उन्हें वापस सड़कों पर न छोड़कर शेल्टर होम में रखा जाए।
  • जो लोग कुत्तों को अपने घर में रखना चाहते हैं, वे कुत्तों को गोद लेकर उन्हें अपने पास रख सकेंगे। कुत्तों से किसी भी तरह की परेशानी के जिम्मेदार कुत्तों को गोद लेने वाले मालिक होंगे।
  • कुत्तों को गोद लेने के लिए संबंधित नगर निकायों में आवेदन करना होगा। इसके बाद कुत्तों पर टैग लगाया जाएगा और गोद लेने वाले को सौंप दिया जाएगा। गोद लिए गए कुत्ते सड़कों पर न आएं, ये जिम्मेदारी गोद लेने वाले मालिकों की होगी।
  • नगर पालिका के अधिकारी कुत्तों को भोजन देने वाली जगह बनाएं। कुत्तों की आबादी को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाएगा कि उन्हें खाना देने के लिए कितनी जगह बनानी हैं।
  • साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए कि अलग-अलग जगहों पर नोटिस बोर्ड लगाए जाने चाहिए, जिनमें बताया जाए कि कुत्तों को किस जगह पर खाना देना है। किसी भी स्थिति में सड़कों पर कुत्तों को खाना देने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि ऐसा करने से सड़कों पर चलने वाले लोगों को परेशानी होती है।
  • नियमों का उल्लंघन करने वालों की शिकायत देने के लिए सभी नगर पालिका प्राधिकरणों को हेल्पलाइन नंबर जारी करना होगा।
  • कोई भी व्यक्ति या संगठन निर्देशों का पालन करने में परेशानी उत्पन्न नहीं करेगा। अगर कोई ऐसा करता है, तो उल्लंघनकर्ता के खिलाफ लोक कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने के लिए मुकदमा चलाया जाएगा।
  • कोर्ट में पक्ष रखने वाले प्रत्येक डॉग लवर को 25000 रुपए और एनजीओ को 2 लाख रुपए की रजिस्ट्री जमा करानी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें भविष्य में इस मामले से जुड़ी सुनवाई में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस धन राशि का इस्तेमाल संबंधित नगर निकायों को दिया जाएगा, जो कुत्तों के लिए जरूरी सुविधाओं में उसका इस्तेमाल करेंगे।  
Tags:    

Similar News