हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला: किसी पद के लिए शैक्षणिक योग्यता तय करना राज्य सरकार का है अधिकार
छत्तीसगढ़ जल संसाधन अभियांत्रिकी एवं भूवैज्ञानिक सेवा भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि, किसी पद के लिए शैक्षणिक योग्यता तय करना राज्य सरकार का अधिकार है।
हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
पंकज गुप्ते-बिलासपुर। छत्तीसगढ़ जल संसाधन अभियांत्रिकी एवं भूवैज्ञानिक (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2014 को लेकर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि, किसी पद के लिए शैक्षणिक योग्यता तय करना राज्य सरकार का अधिकार है।
दरअसल मधुकर पटेल, श्रुति वर्मा, कर्णिका द्विवेदी समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने एम.टेक (मृदा एवं जल अभियांत्रिकी) को मान्यता देने की मांग की थी। उनका तर्क था कि, यह डिग्री भूविज्ञान के समकक्ष है। राज्य सरकार ने दलील दी कि, भूविज्ञान और मृदा-जल अभियांत्रिकी दोनों अलग-अलग विषय हैं और एक-दूसरे के समकक्ष नहीं माने जा सकते।
स्नातकोत्तर डिग्री होगी मान्य
कोर्ट ने सरकार की दलील को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी। इस आदेश के बाद सहायक भू-जल विज्ञानी के पद के लिए केवल भूविज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री ही मान्य होगी।