याकूब मेनन को फांसी न देने को लेकर पूर्व रॉ अधिकारी का पत्र आया सामने
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि," सरकार मजहब को आधार बनाकर फांसी की सजा तय कर रही है।

नई दिल्ली. 1993 मुंबई विस्फोट कांड के दोषी याकूब मेमन की याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद इस मामले में एक पूर्व रॉ अधिकारी का लेख सामने आया है जिसके कारण यह मामला तूल पकड़ने लगा है। लेख में रॉ अधिकारी ने याकूब को फांसी ना देने को कहा है। बी रमन नाम के रॉ अधिकारी ने 2007 में रैडिफ के लिए एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने याकूब को फांसी ना देने के लिए कहा था। यह लेख आठ साल तक नहीं छपा था लेकिन उनके भाई की इजाजत से रैडिफ ने उनका लेख छापा है।
रमन रॉ के काउंटर टेररिज्म डेस्क के मुखिया थे। याकूब और उसके परिवार के सदस्यों को कराची से भारत लाने के पूरे ऑपरेशन को उन्हीं की देखरेख में चलाया गया था। वहीं दूसरी तरफ याकूब मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उसे धर्म के कारण फांसी दी जा रही है।
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एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि," सरकार मजहब को आधार बनाकर फांसी की सजा तय कर रही है। याकूब मेमन को फांसी क्यों दी जा रही है? अगर सूली पर चढ़ाना ही है तो राजीव गांधी के हत्यारों को भी चढ़ाया जाए। वहीं दूसरी तरफ इस ओवैसी के बयान पर बीजेपी सांसद ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि जिन लोगों को भारतीय न्यायपालिका पर विश्वास नहीं है वे पाकिस्तान चले जाएं।
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