जम्मू में हर किसी की मदद कर रही है सेना, अब तक 25 हजार लोगों की बचाई जान
पहली बार नौसेना के मरीन कमांडो जान-माल बचाने के काम के लिए तैनात किए गए हैं।;

जम्मू. पिछले एक सप्ताह से बाढ़ से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में अब तक का सबसे बड़ा बचाव कार्य चल रहा है। भारत ने बचाव कार्यों में 50 विमान लगा रखे हैं। बाढ़ में जिन लोगों के परिजन फंसे हुए हैं वे सेना और अखबारों को कॉल कर रहे हैं और अपनों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। बचाव कार्यों में अब तक सेना और एयरफोर्स ने 25000 लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया है। अभी भी बहुत सारे लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। लोग अपनों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं, किसी का भाई सेकेंड फ्लोर पर फंसा हुआ है तो किसी की बेटी छत पर कई दिनों से घिरी हुई है। हर तरफ लोगों को बचाने का काम सेना ने संभाला हुआ है।
वायु सेना तो मोर्चे पर थी ही, सोमवार को नौसेना को भी उतार दिया गया। पहली बार नौसेना के मरीन कमांडो जान-माल बचाने के काम के लिए तैनात किए गए हैं। इस बीच सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने कहा है कि जब तक आखिरी व्यक्ति को सुरक्षित नहीं निकाल लिया जाता सेना बैरकों में नहीं लौटेगी। अब तक 22 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। हजारों लोग अब भी ग्रामीण इलाकों में फंसे हैं।
सुकून की बात बस ये है कि पूरे जम्मू-कश्मीर में बारिश थम रही है। पानी बढ़ना भी रुका रहा है। जम्मू-कश्मीर पिछले 60 साल की सबसे बड़ी आपदा झेल रहा है। सोमवार सुबह सेना ने कुपवाड़ा के मुगलपोरा गांव से 22 लोगों को बचाया। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम मोदी द्वारा पीओके में मदद की पेशकश के लिए उनका धन्यवाद किया।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, गो बैक के नारे लगाने वाले पुकार रहे सहायता के लिए -
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