Yamraj Temple: दुनिया का एकमात्र मंदिर, जहां होती है यमराज की पूजा; मिलता है लंबी आयु का वरदान

यमराज का ध्यान करने से मृत्यु का भय उत्पन्न होता है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां यमराज की पूजा न केवल की जाती है, बल्कि वहां जाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी आते हैं।

Updated On 2025-05-22 22:01:00 IST

Yamraj Temple : हिंदू धर्म में यमराज की पूजा करने से परहेज किया जाता है, क्योंकि उन्हें मृत्यु का देवता माना जाता है। आम लोगों में ये धारणा है कि, यमराज का ध्यान करने से मृत्यु का भय उत्पन्न होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां यमराज की पूजा न केवल की जाती है, बल्कि वहां जाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी आते हैं। कहा जाता है कि, इस मंदिर में आकर यमराज की पूजा करने से भक्तों को कई दिव्य लाभों की प्राप्ति होती है।

कहां स्थित है यमराज का अनोखा मंदिर?

यह मंदिर मथुरा के विश्राम घाट पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह वह स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था। इसी घाट पर यमराज और यमुना माता का मंदिर भी बना है, जिसे लोग यमुना धर्मराज मंदिर के नाम से भी जानते हैं।

यमुना धर्मराज मंदिर की खास बातें -

मथुरा के इस यमुना धर्मराज मंदिर में यमराज की मूर्ति शांत और आशीर्वाद देने वाली मुद्रा में मौजूद है। वहीं, मां यमुना के चतुर्भुज स्वरूप की पूजा यहां की जा सकती है। विशेष रूप से भाई दूज के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर में भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और दीर्घायु के लिए पूजा की जाती है।

पौराणिक कथा से जुड़ी मान्यता -

कहा जाता है कि, एक बार यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने विश्राम घाट पहुंचे थे। यमुना ने उन्हें 56 प्रकार के भोग अर्पित किए, जिससे यम अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने बहन यमुना को वरदान दिया कि, जो भाई-बहन इस दिन साथ पूजा करेंगे और हाथ पकड़कर स्नान करेंगे, उनके रिश्ते में प्रेम बढ़ेगा। साथ ही भाई पर कोई संकट नहीं आ पायेगा। दरअसल, बहन यमुना के कहने पर यमराज ने वरदान दिया था कि, विश्राम घाट पर बहन संग स्नान-पूजा करने वाले भाई को उनके यम फंदे से मुक्ति मिलेगी और उसे लंबी उम्र की प्राप्ति होगी।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Similar News