शारदीय नवरात्रि 2025: मां की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये 9 काम, इन गलतियों से बचें
शारदीय नवरात्रि 2025 में देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए करें ये 9 काम और इन 9 गलतियों से रहें दूर। जानिए पूजा के नियम।
शारदीय नवरात्रि 2025
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि शक्ति उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 22 सितंबर 2025 (सोमवार) यानी आज से शुरू हो गया है। नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करने से साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। लेकिन नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके। यहां जानिए नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले 9 जरूरी कार्य और 9 ऐसी चीजें जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि में जरूर करें ये 9 कार्य
- प्रतिदिन नियत समय पर पूजा करें: नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रतिदिन एक निश्चित समय पर मां दुर्गा की पूजा और आरती करें। इससे साधना में एकाग्रता बनी रहती है और देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- सात्विक आहार ग्रहण करें: नवरात्रि व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन लें। लहसुन-प्याज और मांसाहार से परहेज करें। इससे मन शुद्ध और शांत बना रहता है।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें: इस दौरान संयमित जीवनशैली और ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक होता है। इससे साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहती है।
- कलश स्थापना के नियमों का पालन करें: यदि आपने घटस्थापना की है, तो घर को कभी खाली न छोड़ें। अखंड ज्योति का विशेष ध्यान रखें और कलश की नियमित पूजा करें।
- कन्या पूजन अवश्य करें: नवरात्रि में प्रत्येक दिन एक कन्या का पूजन करें या अष्टमी/नवमी पर नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उनका सम्मान करें।
- मंत्र जाप करें: देवी के स्वरूपों के अनुसार उनके मंत्रों का जाप करें। इससे मानसिक शुद्धि और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
- विशेष भोग अर्पण करें: हर दिन देवी को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। जैसे सोमवार को दूध, मंगलवार को गुड़, बुधवार को मिश्री आदि।
- मां को उचित वस्त्र और पुष्प चढ़ाएं: हर दिन की देवी को उपयुक्त रंग के वस्त्र और फूल अर्पित करें। जैसे मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग पसंद है।
- पूजा स्थल को पवित्र बनाए रखें: पूजा स्थल को स्वच्छ और सुगंधित बनाए रखें। सुबह-शाम धूप, दीप और अगरबत्ती से वातावरण को सात्विक करें।
नवरात्रि में न करें ये 9 गलतियां
- झूठ बोलने से बचें: इन पवित्र दिनों में झूठ बोलना या किसी का दिल दुखाना वर्जित माना गया है। यह आपकी साधना में बाधा डाल सकता है।
- अशुद्ध हाथों से पूजा सामग्री को न छुएं: पूजन सामग्री को स्पर्श करने से पहले स्नान करके हाथ साफ करें। अपवित्रता पूजा का प्रभाव कम कर देती है।
- पूजा करते समय सिर को ढंकें: महिलाओं को बाल खोलकर और पुरुषों को बिना सिर ढंके पूजा नहीं करनी चाहिए। यह परंपरा और सम्मान का प्रतीक है।
- व्रत को बीच में न तोड़ें: यदि आप नवरात्रि का व्रत रखते हैं तो बीच में उसे ना तोड़ें। अधूरी साधना अधूरा फल देती है।
- कन्या पूजन में लापरवाही न करें: कन्याओं को पूजते समय उनका मान-सम्मान करें और उचित दक्षिणा तथा भोजन देकर ही विदा करें।
- काले कपड़े न पहनें: नवरात्रि में काले वस्त्र धारण करना निषेध माना गया है। यह रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
- तामसिक भोजन से बचें: मांसाहार, मदिरा, लहसुन-प्याज जैसे तामसिक पदार्थों से पूरी तरह दूरी बनाएं।
- गलत दिशा में पूजा न करें: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही पूजा करें। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पूजा करना अशुभ माना जाता है।
- देवी स्थान को अपवित्र न करें: पूजा स्थान पर जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश न करें और न ही वहां ऊंची आवाज या लड़ाई-झगड़ा करें।
शारदीय नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आत्मिक उन्नति का अवसर है। यदि आप उपरोक्त नियमों का पालन करते हैं और वर्जित कार्यों से दूर रहते हैं, तो मां दुर्गा की कृपा अवश्य प्राप्त होगी। यह नौ दिन आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। बस श्रद्धा, संयम और नियमों का पालन आवश्यक है।