Sawan Pradosh Vrat: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ को क्या चढ़ाएं?, यहां जानें पूजा विधि
Sawan Pradosh Vrat: सावन के पहले प्रदोष व्रत परजानें शिव पूजा विधि, व्रत का महत्व और सुख-समृद्धि पाने के उपाय जैसे गेहूं, धतूरा, लाल चंदन व कच्चे चावल का प्रयोग।
Sawan Pradosh Vrat: शिव भक्त सावन के पूरे महीने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा और जलाभिषेक करते हैं। इस महीने में सोमवार के साथ-साथ प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है, जिसे प्रदोष काल में मनाया जाता है। यहां जानें सावन प्रदोष व्रत से जुड़ी सभी जानकारियां।
कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई 2025, सोमवार को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 7:05 बजे से होगी, जो अगले दिन यानी 23 जुलाई की सुबह 4:39 बजे तक रहेगी। पूजा का उत्तम समय संध्या काल या प्रदोष काल होता है, जब शिवभक्त विशेष विधि से भगवान शिव की आराधना करते हैं।
क्या करें इस दिन?
गेहूं और धतूरे से अभिषेक
इस विशेष दिन भगवान शिव को गेहूं और धतूरे से अभिषेक करने की परंपरा है। यह उपाय संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
कच्चा चावल अर्पित करें
अगर जीवन में आर्थिक समस्याएँ चल रही हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर कच्चा चावल चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि यह उपाय करने से धन की समस्याएं दूर होती हैं और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
लाल चंदन से करें पूजन
इस दिन भगवान शिव को लाल चंदन अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। इससे न केवल आत्मबल बढ़ता है, बल्कि सामाजिक मान-सम्मान भी प्राप्त होता है। लाल चंदन का उपयोग जातक की कुंडली में सकारात्मक बदलाव लाने वाला माना जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने पर जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति का वास होता है। इस दिन का व्रत रखने से शिवभक्तों को विशेष आध्यात्मिक लाभ मिलता है और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।