Raksha Bandhan 2025: कब है रक्षाबंधन का त्योहार?, जानें शुभ मुहूर्त, योग और भद्रा काल का समय

रक्षाबंधन 2025 की तारीख, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और भद्रा काल की जानकारी जानें। इस साल शुभ योगों में मनाएं भाई-बहन के प्रेम का त्योहार।

Updated On 2025-06-23 22:40:00 IST

Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन बहन-भाई के रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर होता है, जब बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, और भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा।

इस बार कब है रक्षाबंधन?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को मान्यता मिलने के कारण रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2025

इस बार बहनों को राखी बांधने के लिए लंबा समय मिलेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, राखी बांधने का शुभ समय 9 अगस्त को सुबह 5:35 बजे से लेकर दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। इस दौरान लगभग 8 घंटे तक राखी बांधी जा सकेगी।

भद्रा काल नहीं करेगा परेशान

रक्षाबंधन के अवसर पर कई बार भद्रा काल बाधा बनता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। पंचांग के अनुसार, भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे समाप्त हो जाएगा। इसका अर्थ है कि राखी बांधने के समय भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा, जिससे पर्व निर्विघ्न संपन्न होगा।

रक्षाबंधन पर बन रहे हैं शुभ योग

इस वर्ष रक्षाबंधन पर सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, इन योगों में किए गए कार्य अत्यंत मंगलकारी और फलदायी होते हैं। ऐसे में यह पर्व और भी शुभ अवसर बन जाता है।

राखी बांधने की विधि और मंत्र

रक्षाबंधन के दिन बहनें स्नान के बाद पूजा थाली में राखी, रोली, चावल, मिठाई और दीपक रखती हैं। भाई को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारी जाती है और दाहिने हाथ में राखी बांधी जाती है। राखी बांधते समय इस पारंपरिक मंत्र का उच्चारण करना विशेष फलदायक माना जाता है:

"ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥"

इस मंत्र के जाप से भाई-बहन दोनों को शुभ फल प्राप्त होते हैं और रिश्ते में मजबूती आती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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