Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी पूजा में शामिल करें ये 22 चीजें, खूब बरसेगी विष्णु जी की कृपा
आज 6 जून को निर्जला एकादशी व्रत रखा जा रहा है। जो व्यक्ति पूरे साल अगर कोई भी एकादशी व्रत नहीं रख पाता है और इस निर्जला एकादशी व्रत को कर लेता है, तो उसे सालभर की सभी एकादशी का शुभ फल प्राप्त हो जाता है। इस दिन पूजा में 22 विशेष चीजों का उपयोग अवश्य करें।
Nirjala Ekadashi 2025 Puja Samagri : प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'निर्जला एकादशी व्रत' रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष यह तिथि गृहस्थों के लिए 6 जून और वैष्णोजन के लिए 7 जून रहेगी। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान और श्रद्धा भाव से पूजा करने और व्रत रखने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। कहतें हैं जो व्यक्ति पूरे साल अगर कोई भी एकादशी व्रत नहीं रख पाता है और इस निर्जला एकादशी व्रत को कर लेता है, तो उसे सालभर की सभी एकादशी का शुभ फल प्राप्त हो जाता है।
निर्जला एकादशी पूजा सामग्री (Nirjala Ekadashi Puja Samagri)
एक मिट्टी का कलश, जल, हाथ का पंखा, पीला वस्त्र, गंगाजल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते (तुलसी मंजरी), मिश्री, पंचमेवा, हल्दी, पीला चंदन, कपूर, कुमकुम या रोली, मौली (कलावा), जनेऊ, पाँच प्रकार के फल, लौंग, हरी इलायची, अगरबत्ती या धूपबत्ती, पीले या लाल फूल, पूजा की दक्षिणा और एकादशी व्रत कथा की पुस्तक।
निर्जला एकादशी पूजा में ध्यान रखने वाली बातें
- पूजा के प्रारंभ में गंगाजल से अभिषेक कर गणपति जी का ध्यान करें।
- पूजा के लिए तुलसी के पत्ते और मंजरी एकादशी से एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लें।
- एकादशी पूजा में चावल का उपयोग नहीं करें बल्कि उसकी जगह सफेद तिल काम में लेवें।
- एकादशी पूजा में भगवान के भोग में तुलसी अवश्य डालें, वरना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- गर्मी में शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले फलों को ही निर्जला एकादशी पूजा में रखना चाहिए।
निर्जला एकादशी उपाय (Nirjala Ekadashi Upay)
निर्जला एकादशी के दिन मिट्टी के कलश में पीने योग्य जल लेकर उसमें 2-3 मिश्री के दाने डालें। दरअसल, ऐसा इसलिए करना है क्योंकि मिट्टी के बर्तन में मीठा पानी जल्दी ख़राब हो जाता है। आप इसके अलावा शरबत का भी दान कर सकते हैं। इस उपाय से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।