Singh Sankranti: कब है सिंह संक्रांति, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Singh Sankranti 2024: सिंह संक्रांति के दिन पुण्य काल 16 अगस्त दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट के बीच रहेगा।
Singh Sankranti: (आकांक्षा तिवारी) हिन्दू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व होता है। संक्रांति का त्योहार उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव एक राशि में कम से कम 30 दिन तक रहते हैं। जिसके बाद वह दूसरी राशि में प्रवेश करते है और जिस राशि में प्रवेश करते है उस राशि के नाम से ही संक्रांति को जाना जाता है। तो आइए पंचांग के अनुसार जानते हैं कि अगस्त में किस दिन संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा।
धार्मिक गुरुओं के अनुसार सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इस संक्रांति को सिंह संक्रांति कहा जाएगा। इस बार सावन मे सिंह संक्रांति व्रत शुक्रवार 16 अगस्त 2024 के दिन रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है और साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सिंह संक्रांति के दिन पुण्य काल का समय 16 अगस्त दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट के बीच रहेगा। वहीं इस दिन महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 50 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट के बीच रहेगा। संक्रांति का क्षण शाम 07 बजकर 55 मिनट पर है।
पूजा विधि
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- गंगाजल न हो तो, स्नान के पानी में तुलसी डाल सकते हैं।
- इसके बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें और फिर उसमें अक्षत, गुड़, रोली और लाल फूल मिलाएं।
- सूर्य देव को भाव के साथ अर्घ्य चढ़ाएं और सूर्य देव के नामों का जाप करें।
- साथ ही 11 बार सूर्य नमोस्तु श्लोक का जाप करें।
- ध्यान रखें कि अर्घ्य का जल पैरों पर न पड़े।