Rohini Vrat September 2024: आज रखा जा रहा है रोहिणी व्रत, नोट करें व्रत तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ

आज 23 सितंबर 2024, सोमवार को रोहिणी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत जैन धर्म के लोगों द्वारा किया जाता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य स्वामी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है और उ

By :  Desk
Updated On 2024-09-23 07:05:00 IST
विवाहित महिलाओं के द्वारा इस व्रत को करने पर उन्हें सौभाग्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Rohini Vrat September 2024: आज 23 सितंबर 2024, सोमवार को रोहिणी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत जैन धर्म के लोगों द्वारा किया जाता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य स्वामी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाहित महिलाओं के द्वारा इस व्रत को करने पर उन्हें सौभाग्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके पति को लंबी उम्र मिलती है। जैन धर्म में यह व्रत बेहद ख़ास है। 

जैन धर्म में रोहिणी व्रत का संबंध नक्षत्रों से माना गया है। यह व्रत हर 27 दिन में बार-बार आता है। इस व्रत को न सिर्फ सुहागिन महिलायें बल्कि पुरुष भी कर सकते है। इस व्रत को करने से आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा की शुद्धि होती है। चलिए जानते है रोहिणी व्रत तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ। 

रोहिणी व्रत तिथि और मुहूर्त 
(Rohini Vrat 2024 Tithi Aur Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, इस माह में रोहिणी व्रत 23 सितंबर 2024 सोमवार के दिन रखा जा रहा है। इस दिन पूजा के लिए शुभ अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक का रहेगा। इस व्रत को लगातार 3, 5 या 7 साल तक करने का संकल्प लेते है और फिर उद्यापन करते है। 

रोहिणी व्रत पूजा विधि 
(Rohini Vrat Puja Vidhi)

- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें। इसके पश्चात स्वच्छ कपड़ें पहनें। अब आचमन कर व्रत का संकल्प लें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान वासुपूज्य की वेदी के साथ मूर्ति स्थापित करें। फिर पूजा के बाद सूर्यास्त से पहले फलाहार करें। ध्यान रखें, रोहिणी व्रत में रात्रि भोजन नहीं किया जाता है। इसलिए अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर अपना व्रत खोल सकते हैं। 

रोहिणी व्रत के लाभ
(Rohini Vrat Labh)

जैन धर्म के अनुसार, रोहिणी व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में धन से जुड़ी समस्याएं भी कम होने लगती है। इस व्रत को विधि-विधान से करने पर सभी दुख-दर्द दूर। साथ ही उसे मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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