Sambhal Kaila Devi Mandir: संभल में विराजमान है ऐतिहासिक कैलादेवी मंदिर, दर्शनमात्र से मिलता है विशेष फल

शाही जामा मस्जिद सर्वे विवाद को लेकर उत्तरप्रदेश का संभल जिला आजकल चर्चाओं में बना हुआ है। इसी जिले में मां कैलादेवी विराजमान है, जिन्हें यदुवंशियों की कुलदेवी भी कह

By :  Desk
Updated On 2024-12-04 22:09:00 IST
संभल का कैलादेवी मंदिर इतिहास की कई यादों को अपने आप में समेटे हुए है।

Sambhal Kaila Devi Mandir: शाही जामा मस्जिद सर्वे विवाद को लेकर उत्तरप्रदेश का संभल जिला आजकल चर्चाओं में बना हुआ है। इसी जिले में मां कैलादेवी विराजमान है, जिन्हें यदुवंशियों की कुलदेवी भी कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे देश में कैलादेवी के सिर्फ 2 ही मंदिर स्थित है, इनमें से एक उत्तर प्रदेश संभल के भंगा में और दूसरा राजस्थान के करौली जिले में है। यहां हम संभल के ऐतिहासिक कैला मंदिर के बारे में आपको बता रहे है। 

संभल का कैलादेवी मंदिर इतिहास की कई यादों को अपने आप में समेटे हुए है। इस मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि, जो भी साधक नवरात्रि के दिनों में यहां सच्ची आस्था के साथ मां के दर्शन करने पहुंचते है, उन्हें सिंह देवता के दर्शन प्राप्त होते है, जिन्हें मां शक्तिस्वरूपा कैला देवी का वाहन कहा गया है। 

सोमवार के दिन करें मां कैला के दर्शन

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन मां कैलादेवी के दर्शन करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। संभल के भंगा इलाके में स्थित मां कैला का यह मंदिर ऐतिहासिक है, यहां पर आपको मंदिर परिसर में ही करीब 700 वर्ष पुराना विशाल और पौराणिक बरगद का पेड़ भी देखने को मिलता है। 

स्कंद पुराण में है मां कैला का उल्लेख

स्कंद पुराण के 65वें अध्याय में मां कैलादेवी के संदर्भ में विशेष विवरण दिया गया है। इसमें बताया गया है कि, द्वापर युग में ही मां कैला अवतरित हुई थी। उन्होंने ही नंद और यशोदा के घर जन्म लिया था, जिन्हें वासुदेव जी ने कृष्ण के साथ बदल दिया था। बाद में कारागार में मां कैला ने ही कंस के हाथ से छूटकर उसे चेतावनी दी थी कि, उसका वध करने वाला इस धरती पर जन्म ले चुका है। बता दे कलयुग में मां कैला को कैला’ देवी या ‘कैलेश्वरी’ नाम से जानते है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Similar News