Pitru Paksha: आज है मासिक शिवरात्रि, कुतुप मुहूर्त में करें त्रयोदशी का श्राद्ध

आज का दिन पितृपक्ष का 13वां दिन है। जिसे त्रयोदशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि आज कुतुप मुहूर्त में श्राद्ध करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है। तो आइए शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।

Updated On 2024-09-30 09:23:00 IST
Pitru Paksha

Pitru Paksha 30 September 2024 : वैदिक पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि है। साथ ही साथ ही पितृपक्ष की त्रयोदशी श्राद्ध भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के सभी 15-16 दिन पितरों को समर्पित होता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को शांति के लिए दान-पुण्य, तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है।

मान्यता है कि जो लोग पितृपक्ष के दौरान इन सभी चीजों को करते हैं, उन्हें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृपक्ष के 13वें दिन त्रयोदशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि त्रयोदशी श्राद्ध करने की शुभ तिथि क्या है और कुतुप मुहूर्त क्या है।

पंचांग के अनुसार, आज यानी 30 सितंबर पितृपक्ष का 13वां दिन या त्रयोदशी श्राद्ध रहने वाला है। तो आइए दृक पंचांग से जानते हैं त्रयोदशी श्राद्ध करने का शुभ समय-

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर दिन रविवार की शाम 4 बजकर 47 मिनट से हुई है और समाप्ति अगले दिन यानी आज 30 सितंबर शाम 7 बजकर 6 मिनट पर होगा। नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में त्रयोदशी श्राद्ध कर सकते हैं।

त्रयोदशी श्राद्ध कुतुप मुहूर्त-

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी त्रयोदशी श्राद्ध को करने के लिए कुतुप मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक है। यानी कुल अवधि 48 मिनट का रहने वाला है। वहीं, रौहिण मुहूर्त 12 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 22 मिनट तक है। रौहिण मुहूर्त की अवधि कुल 48 मिनट तक है। अपराह्न काल का शुभ समय 1 बजकर 22 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक यानी 2 घंटे 23 मिनट तक रहेगा।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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