कुंडली में दूषित है चंद्रमां? माघ शिवरात्रि पर जरूर करें ये ज्योतिष उपाय, दूर होगा चंद्र दोष

Masik Shivratri: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि के व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। मासिक शिवरात्रि वाले दिन भगवान शंकर की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन उपवास रखकर भगवान शिव की भक्ति करने से उन्हें शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।

By :  Desk
Updated On 2024-02-07 08:57:00 IST
magh shivratri upay

(रुचि राजपूत)

Magh Shivratri 2024 Upay : मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि को बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि यदि इस दिन उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि प्रत्येक  महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। आइए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से मासिक शिवरात्रि का महत्व और भगवान शिव के मंत्र।

माघ शिवरात्रि तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार फरवरी माह में मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी 2024 सुबह 11:17 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 9 फरवरी 2024  शाम 6:17 मिनट पर होगा।

- मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने का धार्मिक महत्व है। मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित किया गया है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त संपूर्ण समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं, और अपने परिवार के लिए भगवान से आशीर्वाद पाते हैं। 

- बहुत से लोग इस दिन अलग अलग प्रकार की धार्मिक गतिविधियां करते हैं। इस दिन शिव मंदिरों में भगवान शिव का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक भी होता है। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा दूषित है, उन्हें समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत अवश्य करना चाहिए। ये उपाय आपको चंद्र दोष से बचाने मदद कर सकता है.

- मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और आरोग्य जीवन प्राप्त होता है।

भगवान शिव का नमस्कार मंत्र
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

भोलेनाथ का नामावली मंत्र
श्री शिवाय नम:
श्री शंकराय नम:
श्री महेश्वराय नम:
श्री सांबसदाशिवाय नम:
श्री रुद्राय नम:
ओम पार्वतीपतये नम:
ओम नमो नीलकण्ठाय नम:

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