Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें लक्ष्मी नारायण की उपासना, बनेंगे बिगड़े काम; जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का खास महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष तौर पर पूजा की जाती है।

Updated On 2024-06-20 16:28:00 IST
Jyeshtha Purnima 2024

Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का खास महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष तौर पर पूजा की जाती है, पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां आती हैं। हर पूर्णिमा तिथि का अपना विशेष महत्व है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान करना सबसे उत्तम माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए बहुत शुभ माना गया है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बहुत सारी जगह पर बट पूर्णिमा का भी व्रत किया जाता है। वट पूर्णिमा के दिन बट वृक्ष की पूजा की जाती है।

मां शारदा देवीधाम मैहर के प्रख्यात वास्तु एवं ज्योतिर्विद पंडित मोहनलाल द्विवेदी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून को सुबह 06:38 पर होगी। वही पूर्णिमा की तिथि का समापन 22 जून को सुबह 6:21 पर होगा ऐसे में उदय तिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 22 जून 2024 को रखा जाएगा लेकिन ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा और व्रत 21 जून को रखा जाएगा।

शुभ मुहूर्त
पंडित द्विवेदी ने बताया कि पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय 21 जून को शाम 7:05 पर होगा। ऐसे में चांद की पूजा और अर्घ्य देने का शुभ समय शाम 7:05 का रहेगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त में आप भी पूजा कर भगवान का आशीर्वाद ले सकते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद भगवान का ध्यान करें, उसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति साफ चौकी पर स्थापित करें। फिर विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी अक्षत, चंदन, फूल और तुलसी दल अर्पित करें। मां लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इस दिन विष्णु चालीसा का और मां लक्ष्मी के मंत्रो का जाप करना शुभ होता है। अंत में कथा का पाठ कर आरती करें। इस दिन अपनी इच्छा अनुसार ब्राह्मण को भोजन और दान दे सकते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। जयेष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करने से साधक को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन भंडार हमेशा भरे रहेंगे।

पं. मोहनलाल द्विवेदी
(हस्तरेखा, जन्मकुंडली एवं वास्तु विशेषज्ञ)
माँ शारदा देवीधाम 
मैहर म.प्र.

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