Ganesh Chaturthi 2024: चूहा कैसे बना गणेश जी का वाहन? इस पौराणिक कथा से जानें पूरा सच

7 सितंबर 2024, शनिवार को गणेश चतुर्थी मनाई जायेगी। इस दिन घर में भगवान गणपति जी की मूर्ति विराजित की जाती है। इसके बाद विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही ग

By :  Desk
Updated On 2024-09-06 14:52:00 IST
गणेश जी के वाहन मूषक राज को बेहद शुभ माना गया है।

Ganesh Chaturthi 2024: 7 सितंबर 2024, शनिवार को गणेश चतुर्थी मनाई जायेगी। इस दिन घर में भगवान गणपति जी की मूर्ति विराजित की जाती है। इसके बाद विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही गणपति जी को उनके प्रिय लडडू और मोदक का भोग लगाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति घर में लाते वक्त यह अवश्य ध्यान रखें कि, उसमें मोदक और गणपति जी का वाहन चूहा भी हो। जी हां चूहा, जो गणपति बप्पा की सवारी है। गणेश जी के वाहन मूषक राज को बेहद शुभ माना गया है। पौराणिक कथाओं में मूषक राज के बारे में बेहद रोचक जानकारी लिखित है। चलिए जानते है उस बारे में। 

ऋषिवर के श्राप से बने चूहा

गणेश पुराण के मुताबिक, गणपति बप्पा की सवारी मूषक यानी चूहा अपने पिछले जन्म में एक गंधर्व हुआ करते थे। उनका असली नाम क्रौंच था। एक बार क्रौंच देवराज इंद्र की सभा में पहुंचे, तो गलती से उसका पैर मुनि वामदेव के ऊपर पड़ गया। मुनि वामदेव को क्रौंच का यह व्यवहार अनुचित लगा और उन्होंने क्रोध में क्रौंच को चूहा बनने का श्राप दे दिया। मुनि वामदेव के श्राप के बाद क्रौंच उसी समय चूहा बन गए, लेकिन उनका आकार विशालकाय बना रहा। 

चूहा बन मचाई तबाही 

क्रौंच मुनि वामदेव के श्राप से चूहा तो बन गए, लेकिन उनका विशालकाय शरीर किसी को भी भयभीत करने के लिए काफी था। विशालकाय मूषक के रूप में क्रौंच अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को नुकसान पहुंचाने लगे। यही सब करते हुए एक दिन क्रौंच पराशर ऋषि के आश्रम पहुंचे और तबाही मचा दी। 

चूहा कैसे बना गणेश जी का वाहन? 

पराशर ऋषि ने अपने सभी साथी मुनियों के साथ मिलकर चूहा बने क्रौंच के आतंक से मुक्ति पाने के लिए भगवान श्री गणपति जी की आराधना की। इसके बाद गणेश जी प्रकट हुए और मूषक को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन वह विफल रहे। अंत में गणपति जी ने अपने पाश में मूषक को बंदी बना लिया और उस पर सवार हो गए। गणेश जी के वजन से मूषक राज पीड़ित होने लगे, तो उन्होंने बप्पा से अपना भार कम करने का आग्रह किया। गणेश जी ने भी मूषक राज की प्रार्थना स्वीकार कर ली। साथ ही मूषक राज को अपने वाहन के रूप में जगह दी। वो दिन था और आज का दिन है, मूषक राज बप्पा की सवारी है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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