करें दूज के चांद के दर्शन, दूर होगा चंद्र दोष, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

Dooj Chand Darshan: सनातन धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है, दूज और चतुर्थी पर चंद्र दर्शन किए जाते हैं और अर्घ्य दिया जाता है।

By :  Desk
Updated On 2024-02-11 17:04:00 IST
dooj ka chand ke darshan

(रुचि राजपूत)

Dooj ke Chand ke Darshan: सनातन धर्म में प्रकृति से जुड़ी हर एक चीज को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है। इसी कड़ी में माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चंद्र के दर्शन और अर्घ्य को बहुत शुभ बताया गया है। दूज के चांद का दर्शन सौभाग्य और लक्ष्मी बढ़ाने वाला माना जाता है। आज दिनांक 11 फरवरी 2024 को किस समय दूज के चांद के दर्शन करना चाहिए और अर्घ्य देना चाहिए, इस विषय में विस्तार से बता रहे हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे।

आइए जानते हैं दूज के चंद्रमा की क्या महिमा।
दूज और चतुर्थी के चांद के दर्शन करना और दूध से अर्घ्य देना मानसिक शांति प्रदान करता है। इससे तनाव दूर रहता है, क्योंकि चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक जो व्यक्ति इस दिन चंद्रमा के दर्शन करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है, उससे व्यक्ति का सोया भाग्य जाग जाता है।

कुंडली में चंद्र दोष का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में चंद्र दोष होता है, उन्हें यत्नपूर्वक दूज के चंद्रमा के दर्शन करना चाहिए। इस दिन कच्चे दूध से चांद को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना गया है। दूध नहीं हो तो जल से अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य नहीं दे पा रहे हैं तो जूते चप्पल उतार कर चंद्र के दर्शन करें। इससे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

चंद्र दर्शन का समय
11 फरवरी 2024 को माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शाम 6:20 से 7:55 pm तक चंद्र दर्शन कर सकेंगे।

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