बेहद शक्तिशाली है महादेव का बीज मंत्र, इस मंत्र का प्रभाव और महत्व जानकर चौंक जाएंगे

Om Namah Shivay Mantra : हिन्दू धर्म में मंत्रो का एक विशेष महत्त्व होता है. मन्त्र आपको आपके स्रोत पर वापस लाते हैं. मंत्रों का जप करना या मंत्रों को सुनना एक कंपन्न उत्पन्न करता है.

By :  Desk
Updated On 2024-02-25 13:51:00 IST
Benefit of Om Namah Shivay

(रुचि राजपूत)

Om Namah Shivay ka Mahatva: हिन्दू धर्मशास्त्रों में कई शक्तिशाली मन्त्रों का उल्लेख पाया जाता है।आज का आधुनिक विज्ञान भी इन मंत्रो की शक्ति को मानता है।आज हर व्यक्ति अपने परिवार को खुश रखने के लिए कड़ा संघर्ष करता है। ऐसे में कई बार वह तनाव और अवसाद से घिर जाता है। उस तनाव से निकलने के लिए योग और अध्यात्म का सहारा लेता है। हिन्दू शास्त्रों में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र को आत्मा की शुद्धि, तनाव और मुक्ति का एक आसान मंत्र बताया गया है। जो आपको सकारात्मक जीवन उत्थान ऊर्जा प्रदान करता है। आइए जानते हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से "ॐ नमः शिवाय" के शक्तिशाली प्रभाव और इसके महत्व के बारे में।

हिन्दू धर्म में "ॐ नमः शिवाय" को सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। इस मंत्र के नियमित जप से शरीर की सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, और आपके आस-पास का वातावरण भी सकारात्मक होता है। प्राचीन काल से लोग और ऋषि-मुनि इस मंत्र को जपते आ रहे हैं। 

पंच तत्वों का प्रतीक
ॐ को ब्रम्हांड की पहली ध्वनि या ब्रम्हांड की आवाज माना जाता है। इसके जप से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शांति प्राप्त होती है। शरीर में नई चेतना और ऊर्जा का विकास होता है, मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  
            "ॐ" ब्रम्हांड की ध्वनि है। "ॐ" का अर्थ शांति और प्रेम है इसलिए पंचतत्वों के सामंजस्य के लिए "ॐ नमः शिवाय" का जप किया जाता है। नमः शिवाय ये पंचाक्षर कहलाते है, जो पंच तत्वों का प्रतीक माने गए हैं। ये पांच तत्व मनुष्य के शरीर सहित सृष्टि की हर वस्तु के निर्माण में सहयोगी है, और भगवान शिव इन पांच तत्वों के स्वामी है,और"ॐ  नमः शिवाय: सिर्फ एक आवाज़ नहीं है। यह एक तरंग है, जो इसका जप करने वाले को आत्म शांति और तनाव से मुक्ति दिलाती है।
                 ॐ  नमः शिवाय का जप करने से व्यक्ति को अपने पांच तत्वों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इस मंत्र का जप हमारे अस्तित्व की विभिन्न परतों को जोड़ता है और हमारे भीतर शिव के गुणों को बढ़ाता है। इसमें मन को शांत करने का प्रभाव होता है और इसलिए यह ध्यान की तैयारी का एक अच्छा तरीका भी है। यही कारण है कि वैदिक काल में ऋषि मुनि इस मन्त्र का लगातार जप करते रहते थे।

इस मंत्र के आध्यात्मिक फायदे
इस मंत्र से मनुष्य जीवन चक्र का रहस्य समझता है। यह मंत्र मोक्ष प्राप्ति का साधन है। ॐ शब्द में त्रिदेवों का वास माना गया है।
काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद खत्म होता है।
सभी मंत्रों से पहले इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं।
ये मंत्र साहस और उत्साह भरता है, अनजाने भय को दूर करता है, साथ ही इसके निरंतर जप से मृत्यु के भय को भी जीता जा सकता है।


 

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