Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा के दौरान भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां, जानें नियम और सावधानियां

Kanwar Yatra 2025: आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा के दौरान कौन-कौन सी बातें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।

Updated On 2025-06-07 23:28:00 IST

Kanwar Yatra 2025

Kanwar Yatra 2025: सावन महीने की शुरुआत होते ही देशभर में कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। यह एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से भरी यात्रा है, जो भगवान शिव को समर्पित होती है। कांवड़िये इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करते हैं। मान्यता है कि यह मार्ग उन्हें ईश्वर के निकट ले जाता है और आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम बनता है।

कांवड़ यात्रा के दौरान कई बार अनजाने में कुछ गलतियां हो जाती हैं, जो पुण्य की जगह पाप का कारण बन सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि यात्रा के समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए और उन गलतियों से बचा जाए। ऐसे नियमों का पालन करने से न केवल यात्रा सफल होती है, बल्कि इसका आध्यात्मिक फल भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा के दौरान कौन-कौन सी बातें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।

कांवड़ को जमीन पर न रखें
कांवड़ यात्रा में जाते समय कभी भी कांवड़ को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना भगवान शिव का अपमान माना जाता है। ऐसे में अगर थक गए हैं तो कांवड़ को किसी विशेष स्टैंड या सहारे पर रखें। क्योंकि जमीन पर कांवड़ रखना अशुभ माना जाता है।

संयम, ब्रह्मचर्य और शुद्धता बनाए रखना जरूरी
कांवड़ यात्रा के दौरान मन को शांत रखें। क्रोध, लालच, झूठ बोलने से बचें। अगर आपके मन में ऐसे ख्याल आ रहे हैं तो कांवड़ यात्रा नहीं करनी चाहिए। यात्रा के पहले संयम, ब्रह्मचर्य और शुद्धता बनाए रखना जरूरी होता है।

तामसिक वस्तुओं से दूर रहें
कांवड़ यात्रा के दौरान शराब, तंबाकू, मांसाहार या गाली-गलौज करना पूरी तरह से मना है। ऐसे कृत्य भगवान शिव की भक्ति का अपमान करते हैं और यात्रा का फल खराब कर देते हैं। इस यात्रा में मन, बोलचाल और कर्म तीनों को पवित्र बनाए रखना अनिवार्य है।

अहंकार और दिखावे से बचें
कांवड़ यात्रा के दौरान दिखावापन करने से बचना चाहिए। कई लोग सोशल मीडिया पर तस्वीरें या वीडियो डालकर दिखावा करते हैं। ऐसा करने से भक्ति भावना खत्म हो जाती है। इसलिए जितना हो सके दिखावापन से बचें।

संगठित रूप से यात्रा करें
कांवड़ यात्रा में हमेशा समूह में यात्रा करना चाहिए। अकेले यात्रा करने से असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है। संगठित रूप से यात्रा करने से सुरक्षा और सहयोग दोनों सुनिश्चित होते हैं।

सुरक्षा नियमों का पालन करें
यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। कांवड़ की ऊंचाई 12 फीट से अधिक न हो, और कोई भी खतरनाक वस्तु जैसे छड़ी, त्रिशूल आदि न ले जाएं। साथ ही, पहचान पत्र साथ रखें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

नशे से दूर रहें
कांवड़ यात्रा के दौरान शराब, तंबाकू, मांसाहार या गाली-गलौज करना पूरी तरह से मना है। ऐसे कृत्य भगवान शिव की भक्ति का अपमान करते हैं और यात्रा का फल खराब कर देते हैं। इस यात्रा में मन, बोलचाल और कर्म तीनों को पवित्र बनाए रखना अनिवार्य है।

ध्यान और भक्ति में लीन रहें
यात्रा के दौरान "बम-बम भोले" या "जय शिव शंकर" का जाप करते रहें। यह मानसिक शांति और भक्ति भावना को बढ़ाता है। किसी भी प्रकार के विवाद या क्रोध से बचें, क्योंकि यह यात्रा के पुण्य को समाप्त कर सकता है।

सात्विक आहार का सेवन करें
कांवड़ यात्रा के दौरान सात्विक आहार का सेवन करें। लहसुन, प्याज, मांस, शराब और अन्य तामसिक भोजन से दूर रहें। स्वस्थ और हल्का भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यात्रा में सहायक होता है।

सभी के प्रति सम्मान और सहनशीलता रखें
यात्रा के दौरान सभी के प्रति सम्मान और सहनशीलता रखें। किसी भी व्यक्ति या समुदाय के प्रति अपमानजनक व्यवहार से बचें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है

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