Diwali 2025: दिवाली पर क्या करें? जानिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के सरल उपाय
Diwali 2025: दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये 8 सरल उपाय। जानें लक्ष्मी पूजन की सही विधि, व्यापारिक पूजा और दीपदान का महत्व।
Diwali 2025: दीपों का पर्व दिवाली न केवल रोशनी और उल्लास का प्रतीक है, बल्कि यह धन-समृद्धि और सौभाग्य को आमंत्रित करने का भी पावन अवसर है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर विचरण करती हैं और उन घरों में वास करती हैं, जहां पवित्रता, प्रेम, भक्ति और प्रकाश का समागम होता है। तो आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन कौन-कौन से कार्य करना विशेष रूप से शुभ माने गए हैं, जो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के साथ-साथ आपके जीवन में समृद्धि और सौभाग्य का प्रवेश कराते हैं।
1. स्नान से पहले तिल और वनौषधियों का प्रयोग करें
दिवाली की सुबह तेल लगाकर स्नान करना विशेष पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पीपल, गूलर, आम, बरगद और पाकड़ जैसे पवित्र वृक्षों की छाल को पानी में उबालकर उससे स्नान करना अत्यंत फलदायी होता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन गंगा समस्त जलों में, और लक्ष्मी समस्त तैल में निवास करती हैं। अतः तेल से अभिषेक कर स्नान करना माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का माध्यम बनता है।
2. दीप जलाएं, लेकिन विधिपूर्वक
दिवाली की शाम को प्रदोष काल में सर्वप्रथम घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें, फिर घर के प्रत्येक कोने, आंगन, बालकनी और मुख्य द्वार को रोशनी से भर दें। एक दीपक घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में और एक मुख्य द्वार के दोनों ओर अवश्य जलाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी जी के प्रवेश के द्वार खुलते हैं।
3. कन्याओं और परिवारजनों का सम्मान करें
दिवाली के दिन घर की कुमारियों को सम्मानित करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि कन्याओं में स्वयं देवी लक्ष्मी का वास होता है। आप उन्हें फल, मिठाई या कोई उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही घर के सभी सदस्यों को पान का पत्ता देना और कुमकुम का तिलक लगाना आपसी प्रेम और सौभाग्य को बढ़ाता है।
4. बहीखाता और व्यापारिक पूजा
दिवाली व्यापारियों और कारोबारियों के लिए भी विशेष महत्व रखती है। इस दिन पुराने बही-खातों को बंद कर, नये खाता-बही की शुरुआत होती है। खाता-बही पर रोली, चावल और हल्दी से श्री लिखें और मां लक्ष्मी तथा कुबेर जी की पूजा के समय उन्हें शामिल करें। ऐसा करने से व्यवसाय में निरंतर वृद्धि और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
5. लक्ष्मी-गणेश और कुबेर पूजन करें
दिवाली की शाम विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाती है। लक्ष्मी जी धन और ऐश्वर्य की देवी हैं, गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और कुबेर जी खजाने के अधिपति हैं। इन तीनों की एक साथ आराधना करने से धन, सुख और सौभाग्य का त्रिवेणी संगम आपके जीवन में स्थायी हो सकता है।
6. घर के मुख्य द्वार को सजाएं
मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का मुख्य द्वार स्वच्छ और सजावटी होना चाहिए। मुख्य दरवाजे पर आटे से बने स्वस्तिक, ओम और लक्ष्मी पग बनाना शुभ माना गया है। साथ ही ताजे फूलों की बंदनवार, तोरण, और रंगोली भी आकर्षण के साथ-साथ ऊर्जा को सकारात्मक बनाती है।
7. पवित्र स्थलों पर दीपदान करें
यदि संभव हो तो प्रदोष काल में किसी मंदिर, नदी किनारे, या पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं। यह पूर्वजों और देवताओं की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना गया है। इसे पितृ तर्पण का भी एक प्रतीकात्मक रूप कहा जा सकता है।
8. व्रत व पार्वण श्राद्ध का भी है महत्व
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि दिवाली के दिन पितरों की शांति के लिए भी कर्म करना चाहिए। इस दिन दही, दूध और घी से पार्वण श्राद्ध करना और ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
दिवाली सिर्फ बाहरी रोशनी का नहीं, आंतरिक प्रकाश का पर्व है। मां लक्ष्मी को केवल धन से नहीं, सद्भाव, स्वच्छता, सेवा, श्रद्धा और संयम से प्रसन्न किया जा सकता है। इस शुभ अवसर पर यदि आप इन उपायों को अपनाते हैं, तो निश्चित ही घर में अखंड लक्ष्मी, सौभाग्य और शांति का वास होगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।