राहुल गांधी का स्वभाव शासकों वाला नहीं, अन्याय से लड़ना चाहते हैं बस
दिग्विजय ने कहा कि राहुल गांधी में शासक का स्वभाव नहीं है।;

पणजी. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को गोवा में कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी में शासक का स्वभाव नहीं है। गोवा के एक न्यूज चैनल को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में दिग्विजय ने यह भी कहा कि राहुल को लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए था और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का सामना करना चाहिए था।
दिग्विजय का यह इंटरव्यू शनिवार को प्रसारित हुआ। कांग्रेस नेता ने कहा, स्वभाव से वह शासक नहीं हैं। उनका स्वभाव उस व्यक्ति जैसा है, जो अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहता है। दिग्विजय का बयान ऐसे समय में आया है, जब राहुल और उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की नेतृत्व क्षमता को लेकर पार्टी के नेता और पार्टी के बागी आलोचना कर रहे हैं। पार्टी महासचिव व पार्टी के गोवा मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह पार्टी के कामकाज का जायजा लेने और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करने के लिए राज्य के दो-दिवसीय दौरे पर थे।
दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने राहुल को लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता की भूमिका स्वीकारने की सलाह दी थी, जो जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे को दी गई है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में विपक्ष का स्थान अनिवार्य है। कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, हमारे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी उठानी चाहिए थी।
शुक्रवार को ही पणजी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी, जिसमें उन्होंने गौ हत्या पर प्रतिबंध का समर्थन किया है। राकांपा ने कहा था कि दिग्विजय को राजनीति छोड़ कर हिंदू साधु बन जाना चाहिए। राकांपा उपाध्यक्ष ट्राजनो डीमेलो ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही।
नीचे की स्लाइड्स पढ़िए, किसने की थी गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग -
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