गर्मी के साथ-साथ बढ़ने लगी है गरीबों की फ्रिज की डिमांड, बिक्री में हुआ इजाफा

गरीबों में देसी फ्रिज के नाम से पहचाने जाने वाले इन घड़ों की बिक्री में आजकल इजाफा देखने को मिल रहा है।;

Update:2015-05-15 00:00 IST
गर्मी के साथ-साथ बढ़ने लगी है गरीबों की फ्रिज की डिमांड, बिक्री में हुआ इजाफा
  • whatsapp icon
नई दिल्ली. राजधानी में दिन-प्रतिदिन पारा ऊपर चढ़ रहा है। बढ़ती गर्मी के कारण लोगों को ठंडक देने वाले उपकरण भी ज्यादा पसंद आने लगे हैं। एक ओर जहां फ्रिज और एसी ने लोगों के जीवन में अपनी खास जगह बना ली है। फिर भी कुछ लोग खासतौर से गरीब तबका आज भी मिट्टी से बने मटके या सुराही को ही पहली पसंद मानते हैं।
 
जानिए खूबसूरत स्किन पाने के राज, अपनाइए ये TIPS फेस वॉश के दौरान
 
गरीबों में देसी फ्रिज के नाम से पहचाने जाने वाले इन घड़ों की बिक्री में आजकल इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसा नहीं है कि मटके या सुराही को गरीब लोग ही पंसद करते है। मध्यम व उच्च तबके के लोग भी इनके मुरीद है। इसके अलावा वैध, हकीम, डाक्टरों व प्राकृतिक चिक्त्सिा करने वालों की सलाह पर अनेक लोग देशी फ्रिज कहे जाने वाले इन घड़ों का पानी पीना पसंद करते है। 
 
जगह-जगह दुकानें सजी
इन दिनों बाजार में जगह जगह घड़ों की दुकाने लगी हुई हैं। यहां सुराहियां व मिट्टी के घड़ों की कई प्रकार के उपलब्ध है। आधुनिक दौर में मटके या सुराही भी अछुते नहीं रहे है। फैशन के जमाने में इनके रूप रंग में भी बदलाव आया है, जिसके चलते बाजार में छोटे घड़े हो या बड़े, नल वाले घड़े हो या डिजाइन वाली सुराही। सभी में बदलाव देखने को मिलता है। खासकर उच्च वर्ग को ध्यान में रखकर इन पर रंग पेंट व सजाने का काम किया जाता है, इसके कई विकल्प दुकानों पर उपलब्ध हैं। एक ओर जहां सुराहियों पर बेल-बुटे की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं, वहीं घड़ों पर पेंट के जरिए डिजाइन बन रहे हैं। 
 
करें नियमित योगासन, पाएं स्वस्थ-निरोग जीवन
 
घड़ा महंगा, सुराही सस्ती
ताहिरपुर में 25 से भी ज्यादा सालों से दुकान लगा रहे पप्पू ने बताया कि लोग ज्यादा छोटे घड़ों को खरीदते हैं। ज्यादा बड़े घड़ों और सुराही की मांग कम ही होती है। एक ओर घड़े मिट्टी से बने होने के कारण महंगे बिकते हैं वहीं सुराही डाई से बनी होने की वजह से काफी सस्ती बिकती है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर बिक्री कम होती है, लेकिन गर्मी के दौरान बिक्री अधिक हो जाती है। फिर भी ज्यादा रुपए नहीं बच पाते।
 
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, पूरी खबर -  
 
बरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्‍ट पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags: