Opinion: पीएम मोदी के व्यक्तित्व की खूबियों के मुरीद हुए पुतिन, भारत-रूस संबंधों में प्रगाढ़ता

भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत हेतु रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री की उपस्थिति के यह अर्थ लगाए जा रहे हैं कि रूसी राष्ट्रपति के लिए भारत के मैत्री विशेष अहमियत रखती है।

Updated On 2024-07-12 10:41:00 IST
India-Russia relations

Opinion: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए जिन विदेशी राष्ट्राध्यक्षों ने बधाई दी है उनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के निकटतम विदेशी मित्रों में प्रमुखता हासिल कर ली है। हाल में ही रूस की राजधानी मास्को में आयोजित भारत-रूस शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए मास्को पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का जिस गर्मजोशी से स्वागत किया गया वह भारत-रूस संबंधों में प्रगाढ़ता का परिचायक था, जो समय की कसौटी पर न केवल खरे उतरे हैं बल्कि निरंतर मजबूत हुए हैं।

द आर्डर आफ सेंट एंड्रयूज द एपोस्टल
राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द आर्डर आफ सेंट एंड्रयूज द एपोस्टल' से नवाजकर अंतरराष्ट्रीय जगत को यह संदेश दिवा कि भारतीय प्रधानमंत्री के लिए रूस की जनता के दिलों में कितना आदर और प्रेम है। प्रत्युत्तर में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को भारत की 140 करोड़ जनता का सम्मान निरूपित करते हुए कहा कि मेरे लिए मेरा देश और मेरे देश के लोग सर्वोपरि हैं। प्रधानमंत्री ने मास्को में कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले मैंने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और प्रण लिया था कि मैं अपने तीसरे टर्म में तीन गुनी ताकत से काम करूंगा।'

इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों से यह संकेत मिलने लगे हैं कि देश को प्रगति की आकाशीय ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रबल इच्छा शक्ति है। प्रधानमंत्री मोदी पांच साल बाद रूस के प्रवास पर पहुंचे थे। मास्को विमानतल पर रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव ने उनकी अगवानी की और विमान तल पर ही रूस की सशत्र सेनाओं के जवानों द्वारा उन्हें सलामी गारद से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति पुतिन ने विमान तल पर किसी राष्ट्राध्यक्ष की अगवानी के लिए पहली बार देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री को भेजा था। रूस में किसी राष्ट्राध्यक्ष के आगमन पर सामान्यतः द्वितीय उपप्रधानमंत्री द्वारा स्वागत की परंपरा रही है।

भारत के मैत्री विशेष अहमियत
मास्को विमानतल पर भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत हेतु रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री की उपस्थिति के यह अर्थ लगाए जा रहे हैं कि रूसी राष्ट्रपति के लिए भारत के मैत्री विशेष अहमियत रखती है और प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत के साथ रूस के रिश्तों को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए तत्पर हैं। रूस के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री चुने पर बधाई देते हुए इसे उनके अनेक वर्षों के अच्छे कार्यों का प्रतिफल बताया। पुतिन ने नरेंद्र मोदी को ऊर्जावान नेता बताते हुए यह व्यक्त विश्वास व्यक्त किया कि उनमें भारत और भारतीय लोगों के हित में अच्छे नतीजे देने की क्षमता मौजूद है, यह रिजल्ट से स्पष्ट है।

पुतिन ने नरेंद्र मोदी को अपना करीबी मित्र मानते हुए जब उन्हें इलेक्ट्रिक कार में सैर कराई तब ऐसा प्रतीत हो रहा था कि दोनों के बीच वर्षों पुरानी गहरी दोस्ती है। रूस के राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच अत्यंत आत्मीय वातावरण में संपन्न हुई वार्ता में उभय राष्ट्राध्यक्षों ने दोनों देशों के सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी की इस बात की सराहना की कि उनके नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपना जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। इस पर मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने उन्हें मातृभूमि की सेवा करने का मौका दिया है।

रूस से मिले सहयोग की सराहना
रूस के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में मोदी ने कहा कि हम विगत दस वर्षों में 17 बार मिल चुके हैं और विगत 25 वर्षों में 22 दोनों देशों के 22 द्विपक्षीय बैठकें हो चुकी हैं। यह हमारे संबंधों की गहराई का परिचायक है। प्रधानमंत्री ने देश में किसानों को उर्वरक की कमी के संकट से निपटने में रूस से मिले सहयोग की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को आतंकवाद की समस्या पर भारत की चिंताओं से अवगत कराते हुए इस बात पर विशेष जोर दिया कि भावी पीढ़ी के भविष्य के लिए विश्व में शांति कायम करने की बहुत आवश्यकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस रूस यात्रा और रूस के राष्ट्रपति के साथ उनकी शिखर वार्ता के प्रति अंतरराष्ट्रीय जगत में विशेष उत्सुकता बनी हुई थी।
कृष्णमोहन झा: (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके अपने विचार है।)

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