NSA वार्ता से पहले केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया एजेंडा, सिर्फ आतंकवाद पर होगी बात

एनएसए वार्ता से पहले हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किया गया लेकिन, बाद में रिहा भी कर दिया गया।;

Update:2015-08-21 00:00 IST
NSA वार्ता से पहले केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया एजेंडा, सिर्फ आतंकवाद पर होगी बात
  • whatsapp icon
नई दिल्ली. पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किये जाने के बावजूद उसके साथ एनएसए स्तर की वार्ता रद्द नहीं करने के फैसले का बचाव करते हुए सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस वार्ता में आतंकवाद का मुद्दा और इसे रोकने के उपायों पर ही ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह बैठक आतंक और इसे रोकने की आवश्यकता पर वार्ता के लिए है। प्रसाद से एनएसए स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित करने के बारे में सवाल किया गया था। मैं केवल याद दिलाना चाहता हूं कि बैठक का एजेंडा उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच तय हो गया था कि मुंबई में 2008 के आतंकी हमले से जुड़े आवाज के नमूने स्थानांतरित करने सहित आतंकवाद पर चर्चा के लिए बैठक होगी। इसलिए ये बैठक आतंकवाद और उसे रोकने की आवश्यकता पर चर्चा के लिए हो रही है। 
 
इसे भी पढ़ें- अब लगेगी कालेधन पर लगाम! सेशेल्स से करार को मोदी सरकार ने दी मंजूरी
 
 
 सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक सहित शीर्ष कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को बृहस्पतिवार सुबह नजरबंद कर लिया गया और फिर कुछ ही घंटे बाद इससे मुक्त कर दिया गया। इस कार्रवाई को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ दिल्ली में रविवार को उनकी प्रस्तावित बैठक से जोड़कर देखा जा रहा था। पुलिस ने सुबह हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक, मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी, मोहम्मद अशरफ सेहराई, शब्बीर अहमद शाह और अयाज अकबर सहित कई अलगाववादी नेताओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई थी।
 
 
पहले से ही नजरबंद हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपुरा स्थित घर के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को मैसुमा स्थित उनके आवास से एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था और कोठीबाग थाने में बंद कर दिया गया था । अलगावादी नेताओं को हिरासत में लेने के कारणों पर अधिकारी खामोश हैं, लेकिन अटकलें थीं कि यह पाकिस्तान को यह संदेश देने के लिए हो सकता है कि अलगाववादी नेताओं से बातचीत ठीक नहीं है, खासकर ऐसे समय जब दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बैठक होनी है । लेकिन अधिकारियों ने यू टर्न लेते हुए अलगाववादी नेताओं पर लगाई पाबंदियां कोई कारण बताए बिना हटा लीं। एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'गुरुवार सुबह हिरासत में लिए गए या नजरबंद किए गए सभी अलगाववादी नेताओं को रिहा कर दिया गया है।" हालांकि, हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रवक्ता अकबर ने कहा कि अन्य नेताओं को रिहा कर दिया गया है, लेकिन गिलानी अब भी नजरबंद हैं ।
 
 
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी के लिए आयोजित ब्रीफिंग में हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किये जाने के बारे में किये गये सवालों के जवाब में प्रसाद ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर सरकार की पुलिस से जुड़ी प्रक्रिया (पोलिसिंग एक्सरसाइज) पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि राज्य पुलिस उचित कार्रवाई करने के लिए मुक्त है। दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के एनएसए के बीच आगामी वार्ता के परिप्रेक्ष्य में लावाय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही मानते हैं कि विवादों के हल के लिए और आतंकवाद के सफाये तथा अन्य मुद्दों से निपटने के लिए परस्पर सहयोग के रास्ते निकालने के उद्देश्य से साथ मिल बैठकर बातचीत करना ही उनके हित में है।
 
नीचे की स्लाइड्स में पढें, खबर से जुड़ी अन्य जानकारी - 
 
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्‍ट पर - 

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags: