वृद्ध पेंशनः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- योजना पहली नजर में ‘अच्छी'', लेकिन क्रियान्वयन में बड़ी खामी

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि बुजुर्गों के लिए पेंशन और अन्य मुद्दों से निपटने वाला राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) ‘‘पहली नजर में'''' अच्छा कार्यक्रम है लेकिन इसके क्रियान्वयन में ‘‘बहुत खामियां'''' हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है।;

Update:2018-10-10 06:53 IST
वृद्ध पेंशनः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- योजना पहली नजर में ‘अच्छी, लेकिन क्रियान्वयन में बड़ी खामी
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उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि बुजुर्गों के लिए पेंशन और अन्य मुद्दों से निपटने वाला राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) ‘‘पहली नजर में' अच्छा कार्यक्रम है लेकिन इसके क्रियान्वयन में ‘‘बहुत खामियां' हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। 

न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि केन्द्र के पास योजना लागू करने की मशीनरी होनी चाहिए ताकि उसे पता चल सके कि कौन से प्राधिकार अपना काम उचित ढंग से कर रहे हैं। अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब केन्द्र ने कहा कि वह इस समय बुजुर्गों को पेंशन के रूप में 200 रुपये प्रति माह देने से ‘‘आगे नहीं बढ़ सकता।' 
 
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जब केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने एनएसएपी का जिक्र किया तो पीठ ने कहा, ‘‘आपके पास एक योजना है। पहली नजर में यह अच्छी योजना है। इसे लागू करना होगा और इसके लिए आपको मशीनरी तैयार करनी पड़ेगी।' 
 
शीर्ष अदालत में बुजुर्गों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही थी जिसे पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार ने दायर किया। पीठ ने केन्द्र से तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा।

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