बदलती जीवन शैली और मिलावट बढ़ा रही Brain Tumor का खतरा, एक्सपर्ट से जानिए लक्षण

Brain Tumor Day: ब्रेन ट्यूमर की समस्या किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है। ऐसे में इससे बचाव का एक ही तरीका है कि समय रहते इसे डायग्नोज कर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाए। इसके लिए लोगों में अवेयरनेस होना जरूरी है।

Updated On 2024-06-15 15:53:00 IST
world brain tumor day 2024

Brain Tumor Day: ब्रेन ट्यूमर की समस्या किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है। ऐसे में इससे बचाव का एक ही तरीका है कि समय रहते इसे डायग्नोज कर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाए। इसके लिए लोगों में अवेयरनेस होना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ ब्रेन ट्यूमर के चार स्टेज होते हैं और अगर तीसरे स्टेज के शुरुआत में भी इसका पता चल जाए तो बीमार व्यक्ति को बचाया जा सकता है। इस बात से यह महत्वपूर्ण तथ्य निकलता है कि अगर हम समय रहते ब्रेन ट्यूमर की पहचान कर लें, तो इस घातक बीमारी से हर हाल में बचा  जा सकता है। 

किसी को भी हो सकता है:
 हर साल दुनिया में ब्रेन ट्यूमर के 300000 से ज्यादा मामले सामने आते हैं। यह समझना भी जरूरी है कि कोई भी इसकी गिरफ्त में आ सकता है। एक जमाने में माना जाता था कि 20 साल की उम्र तक के लोगों को  ब्रेन ट्यूमर की समस्या नहीं होती, लेकिन बदले खान-पान, प्रदूषण में हुए भारी इजाफे और अन्य कारणों के चलते आज 21 से 85 साल की उम्र समूह के किसी भी शख्स को इसकी समस्या हो सकती है। 40 साल से ज्यादा की उम्र वालों में इसकी आशंका इससे कम उम्र के लोगों के मुकाबले 20-21 फीसदी बढ़ जाती है।

क्या है ब्रेन ट्यूमर:
वास्तव में जब मस्तिष्क में या इसके आस-पास की कोशिकाओं के डीएनए में खामी आ जाती है या वो बदल जाते हैं तो ये ब्रेन कैंसर के खतरे को जन्म देते हैं। दरअसल, डीएनए परिवर्तन के चलते जब ट्यूमर कुछ खास रसायनों के संपर्क में आता है तो इनका प्रभाव बहुत घातक हो जाता है। सवाल है, आखिर किसी को ब्रेन ट्यूमर किन वजहों से होता है और किन वजहों से इसमें लगातार तेजी आती जा रही है?  सच्चाई यही है कि ब्रेन ट्यूमर की एक बड़ी वजह धरती में  नियमित रूप से प्रदूषण का बढ़ना है। दरअसल निकिल, कैडमियम, विनाइल क्लोराइड, रेडान, बेंजीन ऐसे रसायन हैं कि अगर इन रसायनों के लगातार संपर्क में रहा जाए तो ब्रेन ट्यूमर की आशंका बढ़ जाती है। धूम्रपान भी इसकी दूसरी एक बड़ी वजह है। सिर में चोट लगने पर अगर सही से उसका इलाज न करवाया जाए तो एक स्थिति के बाद यह चोट भी मस्तिष्क ट्यूमर की वजह भी बन सकती है। लगातार तनाव में रहना, नींद न आना, बार बार चोट लगना इससे भी ब्रेन ट्यूमर की आशंका बढ़ जाती है। 

पहचानें शुरुआती लक्षण: 
ब्रेन ट्यूमर को समय रहते पकड़ना मुश्किल नहीं है बशर्ते हम सजग हों। जब सुबह के समय सिर में तेज दर्द हो और इसी दर्द की वजह से कई बार रात को जागना भी पड़े तो यह सामान्य सिरदर्द नहीं। ऐसे में तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए कि कहीं यह ब्रेन ट्यूमर की निशानी तो नहीं। रात में और सुबह तेज सिरदर्द के अलावा ब्रेन ट्यूमर के जो अन्य महत्वपूर्ण लक्षण हैं उनमें- बोलने और सोचने में कठिनाई का महसूस होना, आंखों में धुंधला दिखना, अचानक सुनने की क्षमता में कमी हो जाना, चेहरे का सुन्न हो जाना, थूक को निगलने में कठिनाई होना, किसी चीज में मन न लगना, विभिन्न तरह की गंधों का पता न लगना यानी उनका एहसास न होना। ये सब ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं। 

संभव है ट्रीटमेंट:
 ब्रेन ट्यूमर लाइलाइज नहीं है। लेकिन अगर समय रहते इस बीमारी को पकड़ने में आप चूक गए तो यह लाइलाज हो सकता है। इसलिए सबसे जरूरी यही है कि आप इसे लेकर सजग रहें। अगर आप के माता-पिता ब्रेन ट्यूमर के सर्वाइवर रहे हैं तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके इसकी चपेट में आने की आशंका और ज्यादा है।

डिजीज
डॉ. माजिद अलीम


 

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