Life Unlimited: दायरों को तोड़ कर जीना सिखाती है 'जिंदगी अनलिमिटेड'

Life Unlimited: सुबह की छांव देखकर निराश होने वालों घर के कुछ हिस्सों में धूप सिर्फ़ दोपहर में आती है। गौरव उपाध्याय की ये पंक्तियां उम्मीद और धैर्य के साथ जीवन को नए तरीके से जीने का रास्ता दिखाती है।

Updated On 2024-05-04 18:28:00 IST
Life Unlimited

Life Unlimited: सुबह की छांव देखकर निराश होने वालों घर के कुछ हिस्सों में धूप सिर्फ़ दोपहर में आती है। गौरव उपाध्याय की ये पंक्तियां उम्मीद और धैर्य के साथ जीवन को नए नज़रिए से जीने का रास्ता दिखाती है। बिहार के छोटे से शहर मोतिहारी से शुरू हुआ सफर, कई देशों और कई अनुभवों से गुजरा है। पन्द्रह साल के कॉरपोरेट करियर के बाद आज पिछले दस सालों से सिंगापुर में रहने के बावजूद , गौरव ने हिंदी लेखन और हिंदी संवादों के ज़रिए युवाओं और हर उम्र के लोगों को जीने का नया रास्ता दिखाने की जिद ठानी है। 

सोशल मीडिया में 'मन की आवाज' से प्रचलित, गौरव की पहली किताब  'मोस्ट वांटेड ज़िंदगी' को जहां लोगों ने एक ताजी हवा के झोंके के तरह स्वीकार किया, वहीं पेंग्विन स्वदेश से छपी उनकी नई किताब 'ज़िंदगी अनलिमिटेड' हज़ारों लोगों का मार्गदर्शन कर रही है। सेल्फ़ हेल्प श्रेणी में हिंदी में मूलतः लिखी पुस्तकें सीमित रहीं हैं और ज़िंदगी अनलिमिटेड ने इस सीमित मौहौल में एक नई दिशा प्रदान की है।

अपने दायरों को समझने में मदद करना ही ध्येय
इस पुस्तक के लेखक गौरव ने बताया कि पुस्तक का ध्येय है आपको अपने दायरों को समझने में मदद करना और फिर उन दायरों को तोड़ने की पहल करना। पुस्तक के अनुसार हम में से हर किसी के पास अपना जीवन अगले स्तर तक जीने का सामर्थ्य है और हम सबको जीना चाहिए।

जीवन के क्या हैं मायने
लेखक के अनुसार यह किताब, एक व्यावहारिक प्रयास है। असीमित ज़िंदगी जीने की ओर, अदृश्य दीवारों को तोड़ने की ओर। अक़्सर या तो लोग बिलकुल ही आध्यात्मिक मार्ग अपनाने का सुझाव दे रहे हैं, या फिर बिल्कुल ही व्याहारिक सुझाव। मेरे हिसाब से एक बीच का रास्ता है, जो संतुलन की तरफ़ जाता है। आप अमीर भी हो सकते हैं और आध्यात्मिक भी। आप अंग्रेज़ी भी बोल सकते हैं और ज़मीन से जुड़े भी हो सकते हैं। आप तय करेंगे कि आपके लिए जीवन के मायने क्या हैं, जीवन की सीमाएं क्या हैं।

तीन हिस्सों में बंटी है यह पुस्तक
इस किताब को आप तीन हिस्सों में बंटा हुआ पाएंगे, जिनके ज़रिए आप उन कहानियों से परिचित होंगे जो असीमित ज़िंदगी की संभावना से आपको मिलवाएगीं, कुछ अभ्यास सीखेंगे जो आपको हर रोज़ दायरों को तोड़कर जीना सीखाएंगे और आपको एक रूपरेखा मिलेगी। अपनी असीमित ज़िंदगी की एक नई स्क्रिप्ट लिखने के लिए। पूरी किताब में आप असीमितता के कॉन्सेप्ट दो तरीक़ों से देखेंगे। एक वो चीजों जो आप स्वयं में बदल सकते हैं, स्वयं से कर सकते हैं और दूसरी वो चीजें जिनके लिए आप अपनी प्रतिक्रियाओं में बदलाव कर सकते हैं।

आवश्यक पहलुओं पर फोकस
गौरव उपाध्याय ने कुछ आवश्यक पहलुओं के ज़रिए दायरों को तोड़ने की कोशिश की है। ये पहलू हैं आपकी सोच, पीड़ा और फीलिंग, परिस्थितियां और समय। आम जीवन से उठाए गए कथानक, आम लोगों से की गई बातों से उदाहरण, गद्य के साथ कविताओं का मिश्रण और गौरव की सरल भाषा इस पुस्तक को वाक़ई में ख़ास बनाती है। किताब से ही एक अंश कि 'कहते हैं मनुष्य जो खाता हैं, वहीं बन जाता है लेकिन उससे पहले मनुष्य यह सोचता है कि उसे क्या खाना है और कितना खाना है। आप अपनी आबो हवा चुनिए जिसमें आपकी सोच और आप खिलेंगे, आगे बढ़ेंगे। अपनी सोच को अपनाए बिना और समझाए बिना जीना ऐसे है जैसे सूखे पत्ते की तरह आंधियों में उड़ते रहना, कभी इस घाट कभी उस घाट। आप तय करेंगे कि आपको किस घाट उतरना है।

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