कोरोना के कारण हुआ 'डिजिटल विभाजन', ऑनलाइन क्लास से छात्रों के बीच बढ़ी खाई

एक गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि 62 प्रतिशत भारतीय घरों में बच्चों ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान पढ़ाई छोड़ दी। उसने सात जून से 30 जून के बीच देश के 15 राज्यों में 7,235 परिवारों का सर्वेक्षण किया था।;

Update:2020-11-24 12:20 IST
कोरोना के कारण हुआ डिजिटल विभाजन, ऑनलाइन क्लास से छात्रों के बीच बढ़ी खाई
  • whatsapp icon

कोरोना महामारी के कारण कॉलेज और स्कूल बंद होने से ऑनलाइन क्लास से छात्रों के बीच डिजिटल खाई गहरी होती जा रही है। क्योंकि देश में दो वर्ग के लोग रहते है अमीर और गरीब। अमीर परिवारों के बच्चे ऑनलाइन क्लास लेने में सक्षम है वहीं गरीब परिवारों के बच्चे ऑनलाइन क्लास लेने में सक्षम नहीं है। इसी कारण वश दो वर्गों में डिजिटल विभाजन पैदा हो रहा है। क्योंकि एक गरीब परिवार में एक स्मार्ट फोन, तीन भाई-बहन, नतीजा कोई ऑनलाइन क्लास नहीं। यह कड़वी सच्चाई है मोहित अहिरवार की।

वह एक श्रमिक का बेटा है, लेकिन यह हकीकत सिर्फ मोहित के अकेले की नहीं बल्कि डिजिटल विभाजन के शिकार लाखों बच्चों की है। आसान शब्दों में कहें तो डिजिटल विभाजन वास्तव में उन लोगों के बीच का अंतर है जिनके पास ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिये इंटरनेट कनेक्शन के साथ डिजिटल उपकरण हैं और जिनके पास डिजिटल उपकरण नहीं हैं। यह प्राथमिक कक्षाओं से लेकर परास्नातक स्तर पर है और यह खाई इतनी चौड़ी हो चुकी है कि दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज (एलएसआर) की छात्रा एश्वर्या रेड्डी ने इस महीने हैदराबाद स्थित अपने घर पर खुदकुशी कर ली क्योंकि उसके माता-पिता एक लैपटॉप या स्मार्टफोन का खर्चा नहीं उठा सकते थे।

वहीं इंटरनेट की उपलब्धता ने इस खाई को और चौड़ा कर दिया है। शिक्षा पर 2017-18 की राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 24 प्रतिशत भारतीय घरों में इंटरनेट की सुविधा है। भारत की 66 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और इंटरनेट कनेक्शन वाले ग्रामीण घरों की संख्या 15 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा है जबकि इंटरनेट सुविधा वाले शहरी घरों की संख्या की बात करें तो यह करीब 42 प्रतिशत है। कक्षा 10 और कक्षा 12 के विद्यार्थियों के लिये स्थिति और विकट है। एक गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि 62 प्रतिशत भारतीय घरों में बच्चों ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान पढ़ाई छोड़ दी। उसने सात जून से 30 जून के बीच देश के 15 राज्यों में 7,235 परिवारों का सर्वेक्षण किया था।

Tags: