World Ozone Day: ओज़ोन छिद्र हुआ छोटा, 2050 तक दुरुस्त होगी ओज़ोन परत, जानें इसके फायदे
WMO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में अंटार्कटिक ओज़ोन छिद्र छोटा रहा। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के चलते ओज़ोन परत 2050 तक पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
Ozone day: मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के चलते ओज़ोन परत में सुधार, ओज़ोन छिद्र छोटा
World Ozone Day: सूर्य की पराबैगनी विकरणों के दुष्प्रभावों से बचाने वाली ओजोन परत में व्यापक सुधार हुआ है। पिछले कुछ दशकों में हुए क्षरण के चलते ओजोन परत काफी पतली हो गई थी, जिस कारण कैंसर, मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ गया था, लेकिन अब इसमें उत्तरोत्तर सुधार से बचाव की उम्मीद है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि पृथ्वी की ओज़ोन परत इस सदी के मध्य तक यानी 2050 तक 1980 के दशक के स्तर पर लौट सकती है। ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
ओज़ोन परत का महत्व क्या है?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के बुलेटिन में कहा गया कि ओज़ोन परत सदी के मध्य तक 1980 के दशक के स्तर तक पहुँच जाएगी। इससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाले नुकसान से राहत मी उम्मीद है।
सावधानीपूर्वक निगरानी जरूरी
WMO के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के अध्यक्ष मैट टुली ने ओज़ोन और सौर पराबैंगनी विकिरण पर चर्चा करते हुए बताया कि बीच के दशकों में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की बड़ी सफलता के बावजूद यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है। दुनिया के लिए समताप मंडल के ओज़ोन और ओज़ोन-क्षयकारी पदार्थों और उनके प्रतिस्थापन, दोनों की सावधानीपूर्वक व्यवस्थित निगरानी जारी रखना जरूरी है।
ओज़ोन आवरण पिछले वर्षों से अधिक
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने कहा कि कुल समताप मंडलीय ओज़ोन आवरण पिछले वर्षों की तुलना में अधिक था। 2024 का अंटार्कटिक ओज़ोन छिद्र 29 सितंबर को 46.1 मिलियन टन के अधिकतम ओज़ोन द्रव्यमान घाटे के साथ चरम पर पहुँच गया, जो 2020 और 2023 के बीच देखे गए बड़े ओज़ोन छिद्रों से कम है। सितंबर के बाद इसमें तेज़ी से सुधार हुआ।
UN महासचिव बोले-यह विज्ञान और एकजुटता की जीत
संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि वियना कन्वेंशन और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुपक्षीय सफलता की मिसाल हैं। ओज़ोन परत आज ठीक हो रही है। मतलब, विज्ञान की चेतावनियों को दुनिया गंभीरता से लेती है तो ठोस प्रगति संभव है।