दो परिवारों ने की बोस का नाम मिटाने की कोशिशः बोस
अद्र्धेन्दु बोस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार ने राष्ट्रवादी नेता की विरासत को मिटा देने की कोशिश की है।;

मुंबई. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी संबंधियों की जासूसी के बारे में चल रहे हंगामे के बीच उनके भतीजे अद्र्धेन्दु बोस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार ने राष्ट्रवादी नेता की विरासत को मिटा देने की कोशिश की है। अद्र्धेन्दु ने बताया, वर्ष 1947 के बाद से उन्होंने (नेहरू-गांधी परिवार ने) नेताजी बोस के नाम और स्मृति को मिटा देने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास किया है।
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मुंबई में जन्मे अद्र्धेन्दु बॉम्बे डाइंग के पूर्व मॉडल रहे हैं और आज इनका चमड़े का कारोबार है। इनके पिता शैलेश चंद्र का निधन वर्ष 1984 में हो गया था और वह नेताजी के छोटे भाई थे। मुंबई में रहने वाले इस 60 वर्षीय चमड़ा तकनीकविद ने कहा, जहां तक बोस और सरदार पटेल की बात है, तो आप देखेंगे कि आज भारत में इतिहास की किसी भी किताब में बोस, इंडियन नेशनल आर्मी का जिक्र नहीं है और पटेल का भी बहुत कम ही जिक्र है।
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जब अद्र्धेन्दु से पूछा गया कि यहां वर्ली में रहने वाले उनके दिवंगत पिता क्या यह जानते थे कि उनकी जासूसी की जा रही है? तो अद्र्धेन्दु ने कहा, हां, उन्होंने मुझे ऐसा बताया था। उन्होंने कहा, ऐसा संदेह था। जब जासूसी और फोन की टैपिंग चल रही थी, तब मेरे परिवार के सदस्य जानते थे कि उनकी जासूसी की जा रही है, उन पर नजर रखी जा रही है। अद्र्धेन्दु ने कहा, मेरे पिता ने मुझे बताया था कि उन्हें किसी ने सूचना दी थी कि उनका फोन टैप किया गया। अद्र्धेन्दु के एक करीबी सूत्र ने कहा, खुफिया एजेंसी से भी किसी ने उन्हें बताया था कि उनका फोन टैप किया गया था। अद्र्धेन्दु ने कहा, दिल्ली में इंडियन नेशनल आर्मी पर मुकदमों के बाद आईएनए से जुड़े किसी भी सैनिक को भारतीय सेना में शामिल नहीं किया गया था। सरकार ने आईएनए के 20,000-30,000 पूर्व सैनिकों की कोई परवाह नहीं की।
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