मंगल पर मिला पानी का सबूत, गेल क्रेटर के तल में मिलें नदियों और झील का स्रोत
गेल क्रेटर के तल में कभी एक झील या कई झीलों के रूप में नदियां बहती थीं।;

वाशिंगटन. भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के एक दल के नेतृत्व में नासा के क्यूरोसिटी रोवर ने मंगल पर पानी की मौजूदगी के नए साक्ष्य खोज निकाले हैं। इन साक्ष्यों से ये संकेत मिलते हैं कि सौरमंडल में पृथ्वी के साथ सबसे अधिक समानता रखने वाला लाल ग्रह सूक्ष्मजीवीय जीवन के लिए उपयुक्त था। नासा की ओर से मंगल पर भेजे गए क्यूरोसिटी नामक रोवर द्वारा ली गई तस्वीरें और जुटाए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि गेल क्रेटर के तल में कभी एक झील या कई झीलों के रूप में नदियां बहती थीं।
क्या है गेल क्रेटर
गेल क्रेटर किसी चट्टान के कारण मंगल की सतह पर बना एक बड़ा गड्ढा है। नासा ने कहा कि गेल क्रेटर में क्यूरोसिटी की खोजों की व्याख्या कहती है कि प्राचीन काल के मंगल पर एक ऐसा वातावरण था, जो लाल ग्रह के विभिन्न स्थानों पर पुरानी झीलों का निर्माण कर सकता था।
मंगल के माउंट शार्प (शार्प नामक पर्वत) का निर्माण कई लाख वर्षों तक एक बड़ी झील के तल में तलछट जमा होने कारण हुआ था। इन साक्ष्यों से ये संकेत मिलते हैं कि सौरमंडल में पृथ्वी के साथ सबसे अधिक समानता रखने वाला लाल ग्रह सूक्ष्मजीवों के जीवन के अनुकूल था।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, क्षुद्रग्रहों से पृथ्वी पर आया था पानी -
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