UGC का बड़ा फैसला: अब कॉलेज छोड़ने पर पूरी फीस लौटाना होगा अनिवार्य, छात्रों को मिली राहत!
छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को साफ निर्देश दिए हैं कि अगर कोई छात्र दाखिला लेने के बाद किसी कारण से कॉलेज छोड़ता है, तो उसकी पूरी फीस वापस करना अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली। छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को साफ निर्देश दिए हैं कि अगर कोई छात्र दाखिला लेने के बाद किसी कारण से कॉलेज छोड़ता है, तो उसकी पूरी फीस वापस करना अनिवार्य होगा।
यूजीसी ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि कोई भी शिक्षण संस्थान छात्र की फीस या मूल अकादमिक सर्टिफिकेट को रोक नहीं सकता।
नियम तोड़ने पर होगी बड़ी कार्रवाई
यूजीसी ने चेतावनी दी है कि जो संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें शामिल हैं —
कॉलेज की मान्यता रद्द करना
सभी प्रकार की ग्रांट रोकना
एक साल या अधिक समय तक दाखिले पर रोक
संस्थान पर भारी जुर्माना
राज्य सरकारों के संस्थानों पर स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई
छात्रों की शिकायतों का होगा त्वरित निपटारा
यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने कहा कि कई शिक्षण संस्थानों द्वारा बार-बार निर्देशों के बावजूद फीस और सर्टिफिकेट रोकने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में फीस वापसी नियमों को सख्ती से लागू करवाएं और छात्रों की शिकायतों का समय पर समाधान करें।
31 अक्टूबर तक आवेदन करने पर मिलेगा पूरा रिफंड
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी छात्र ने 31 अक्टूबर तक प्रवेश रद्द करने के लिए आवेदन किया है, तो उसे भुगतान की गई पूरी राशि वापस करनी होगी — यह नियम यूजीसी के निर्देशों के तहत लागू रहेगा।
छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत
यह निर्णय छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक राहत भरी खबर है, क्योंकि अब उन्हें कॉलेजों के मनमाने रवैये का सामना नहीं करना पड़ेगा। यूजीसी का यह कदम उच्च शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।