सरगुजा विश्वविद्यालय में डिग्रियों का खेल, दर्जनों अंक पत्र में एक जैसे नंबर

अंकसूची तैयार करते वक्त कट-पेस्ट का जमकर उपयोग किया गया है। हद यह है कि जिन छात्रों ने परीक्षा नहीं दी उन्हें भी जमकर नंबर दे दिए गए हैं।;

Update:2014-08-17 00:00 IST
सरगुजा विश्वविद्यालय में डिग्रियों का खेल, दर्जनों अंक पत्र में एक जैसे नंबर
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रायपुर. तकनीकी त्रुटि के नाम पर कैसे-कैसे खेल होते हैं, यह देखना है तो सरगुजा विश्वविद्यालय की डिग्रियों को एक बार देखिए। विश्वविद्यालय की एमए की प्रथम वर्ष की दर्जनों अंकसूचियों में एक जैसे नंबर दिए गए हैं। कई-कई अंकसूचियों में विषयों के नंबर तक समान हैं। अंकसूची तैयार करते वक्त कट-पेस्ट का जमकर उपयोग किया गया है। हद यह है कि जिन छात्रों ने परीक्षा नहीं दी उन्हें भी जमकर नंबर दे दिए गए हैं।
 
मामला एमए प्रीवियस जीओलॉजी का है। इस परीक्षा की अंकसूची ने छात्रों और अभिभावकों को चक्कर में डाल रखा है। प्रीवियस के पहले पर्चे जीमीओप्रोलॉजी के पेपर में जो अंक दिए गए हैं, वही अंक हूबहू हिस्ट्री ऑफ जिओग्राफीकल थॉट में दे दिए हैं। मसलन, यदि किसी को जीमीओप्रोलॉजी में एक नंबर मिला है तो हिस्ट्री ऑफ जिओग्राफीकल थॉट में भी उस छात्र को एक ही नंबर मिला है, ऐसा किसी एक या दर्जन में नहीं है, चिरिमिरी के लाहिड़ी  कॉलेज एम ए प्रीवियस संकाय के सभी छात्रों के साथ यह चमत्कार विश्वविद्यालय ने कर डाला है। हद तब हो गई जब दो ऐसे छात्रों को नंबर दे दिए गए जिन्होंने परीक्षा दी ही नहीं। वह भी बिल्कुल समान, मतलब एक विषय में दस तो दूसरे विषय में भी दस अंक। जिन छात्रों को बिना परीक्षा के अंक दिए गए हैं वे हैरत में हैं। और जिन्होंने परीक्षा दी वह अंक देने के तरीके से हैरत में पड़ गए हैं। अंकसूची देखकर स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया है।
 
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