''एंबुलेंस घोटाले की गूंज'' में सामने आए सचिन पायलट और अशोक गहलोत के नाम

108 एंबुलेंस सेवा प्रदान करने की बाबत 2.56 करोड़ रुपए का गबन किया गया।;

Update:2015-08-29 00:00 IST
एंबुलेंस घोटाले की गूंज में सामने आए सचिन पायलट और अशोक गहलोत के नाम
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जयपुर. राजस्थान में चिकित्सा सेवा से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। पूरा मामला 2010 से लेकर 2013 तक एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में हुई धांधली का है। जानकारी मिली है कि राज्य को 108 एंबुलेंस सेवा प्रदान करने की बाबत 2.56 करोड़ रुपए का गबन किया गया।
 
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इस मामले की जांच में जो नाम सामने आए हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट के अलावा पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रु मिंया, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा, केरल सरकार के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मातेर, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्तिक चिदंबरम, NRHM के तात्कालिक निदेशक व जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी की सीईओ श्वेता मंगल शामिल हैं।
 
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सीबीआई ने शुक्रवार को जिगित्सा कंपनी के मुंबई और जयपुर में झालाना स्थित ऑफिस में सर्च कार्रवाई की और दस्तावेज जब्त किए। गौरतलब है कि इस मामले में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना टेंडर एक फर्म को सौंपने के मामले में कुछ नौकरशाहों और प्राइवेट फर्म के डॉयरेक्टर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। सभी 8 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।
 
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बता दें कि यह मामला आठ माह से केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन था। इस बीच सीबीआई ने इस प्रकरण की एक इंटरनल रिपोर्ट तैयार की और केन्द्र सरकार को राज्य सरकार की मंशा पर तथ्यों से अवगत कराया था। कुछ दिनों पहले दिल्ली सीबीआई ऑफिस के अधिकारियों ने जयपुर ऑफिस से अशोक नगर थाने में दर्ज एफआईआर की कॉपी मांगी थी। इसके बाद केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। 
 
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सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। ललित गेट प्रकरण के कारण राज्य सरकार जुलाई में इस मामले को लेकर सक्रिय हो गई थी। इस संबंध में एसीएस होम ने राज्य सरकार की मंशा पर केन्द्र सरकार को मामले में जल्दी कार्रवाई को लेकर एक महीने पहले लेटर लिखा था। 108 एंबुलेंस सेवा की फंडिंग केंद्र सरकार की स्कीम के तहत की गई थी। आरोप है कि मुख्य रुप से केंद्रीय मंत्रियों के कार्यालयों का मिस यूज हुआ है।
 
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इसमें उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। कंपनी का एक निदेशक एनआरआई है और इंटरपोल से मदद के लिए सीबीआई ही नोडल एजेंसी है। स्थानीय पुलिस एजेंसी इस मामले की जांच करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलल ने इसे वसुंधरा सरकार के इशारे पर रचा गया स्वांग करार दिया। पायलट ने खुद पर लगे सभी आरोपों को सीरे से खारिज करते हुए कहा यह सब बदले की भावना से हो रहा है।
 
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