JEE Advanced: आईआईटी ने मानी गलती, छात्रों को मूल्यांकन में मिलेगी राहत
जेईई एडवांस में पूछे गए गलत सवालों पर आईआईटी कानपुर ने अपनी गलती स्वीकारते हुए गलत सवालों पर छात्रों को राहत देने की बात कही है।;

जेईई एडवांस में पूछे गए गलत सवालों पर आईआईटी कानपुर ने अपनी गलती स्वीकारते हुए गलत सवालों पर छात्रों को राहत देने की बात कही है। गाैरतलब है कि 21 मई को हुई जेईई एडवांस के कुछ सवालों पर छात्रों ने आपत्ति जताई थी।
अब इस पर आईआईटी कानपुर की ओर से जारी बयान से छात्रों को राहत मिली है। बयान में कहा गया है कि जिन सवालों के बहुविकल्प नहीं थे, उनका मूल्यांकन सवाल के आधार पर किया जाएगा।
जेईई एडवांस के पहले और दूसरे पेपर में 54 सवालों में करीब 45 फीसदी सवाल न्यूमेरिकल आंसर टाइप थे, जिसके लिए विकल्प मुहैया नहीं कराया गया था।
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न्यूमेरिकल आंसर टाइप सवाल वे होते हैं, जिनके जवाब दशमलव के अंकों में आते हैं और कोई एक सटीक हल नहीं होता। ऐसे में बहुविकल्प होने से छात्र किसी एक सही आंसर को चुन सकते हैं।
नहीं प्रोवाइड कराई रेंज
इससे पहले जेईई एडवांस में इंटीजर टाइप सवाल पूछे गए थे और जवाब के लिए 0-9 की रेंज भी दी गई थी। उस स्थिति में सवाल सही नहीं होने पर छात्र फिर कोशिश करते थे।
इसके साथ इससे पहले वाले पेपर में ऐसे सवालों की संख्या 15 थी, जो अब बढ़कर 48 हो गई। इन सवालों के लिए रेंज भी प्रोवाइड नहीं की गई थी। छात्रों से दशमलव के दो अंकों तक जवाब देने के लिए कहा गया।
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50 फीसदी सवालों में करनी पड़ी गणना
विशेषज्ञों का कहना है कि, आईआईटी को छात्र के कंसेप्ट, इनोवेटिव थिंकिंग और स्पीड की जांच करनी चाहिए थी और न कि दशमलव ज्ञान की।
छात्रों को हर पेपर में करीब 50 फीसदी सवालों में तीन दशमलव अंकों तक गणना करनी पड़ी, फिर उसके करीब राउंड ऑफ किया और दो सही दशमलव स्थानों तक आंसर निकालना पड़ा। इस तरह के सवालों को देखकर स्टूडेंट्स चौंक पड़े।
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