देवास पुलिस कस्टडी में दलित युवकों के साथ बर्बरता, अरुण यादव ने उठाए
सवालमध्य प्रदेश के देवास जिले के बावडिया थाने में पुलिस कस्टडी में तीन दलित युवकों रितेश, रवि और रितेश के साथ कथित तौर पर अमानवीय मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि पुलिस ने इन युवकों को बेरहमी से पीटा, थर्ड डिग्री टॉर्चर किया और उनके नाखून तक तोड़ दिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाया है कि पुलिस को इस तरह की क्रूरता का अधिकार किसने दिया?यादव ने मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस की गुंडागर्दी चरम पर है। उन्होंने डीजीपी से तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और मामले की हाई-लेवल जांच की मांग की है।
यादव ने पूछा, "जब कोई सबूत नहीं है, तो दलित युवकों को इस तरह अमानवीय यातना क्यों दी गई?" इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और दलित युवकों को न्याय दिलाने की मांग तेज हो रही है। प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।