Vastu Tips: इन चीजों को गिफ्ट करने से बिगड़ सकते हैं रिश्ते, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र?

जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-सी चीज़ें गिफ्ट में देना अशुभ माना गया है। गलत उपहार रिश्तों, धन और भाग्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।

Updated On 2025-11-28 20:24:00 IST

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार उपहार देते समय केवल सौंदर्य या उपयोगिता ही नहीं, बल्कि उनकी ऊर्जा और प्रभाव को भी ध्यान में रखना चाहिए। कई बार अनजाने में दिए गए उपहार रिश्तों में तनाव, आर्थिक नुकसान या मानसिक अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। इसी कारण प्राचीन वास्तु ग्रंथों में कुछ वस्तुओं को उपहार में देने की मनाही बताई गई है। आइए जानते हैं कौन-सी चीजें गिफ्ट करने से बचना चाहिए।

नुकीली और धारदार वस्तुएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी को चाकू, कैंची या अन्य नुकीली वस्तु उपहार में देना संबंधों के लिए हानिकारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन चीज़ों में विभाजन और टकराव की ऊर्जा होती है, जो लोगों के बीच दूरी पैदा कर सकती है। कई परंपराओं में इसे रिश्तों में “काट” लगना भी कहा गया है।

पर्स या बटुआ

भले ही पर्स एक आकर्षक व उपयोगी उपहार लगता हो, लेकिन वास्तु मान्यताओं के अनुसार इसे किसी को गिफ्ट करना अशुभ माना गया है। इससे आपकी और उपहार पाने वाले व्यक्ति दोनों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही यह रिश्तों में असंतुलन या दूरी भी बढ़ा सकता है।

घड़ी (Watch)

आधुनिक समय में घड़ी एक सामान्य गिफ्ट है, लेकिन वास्तु शास्त्र इसे उपयुक्त उपहार नहीं मानता। ऐसा माना जाता है कि घड़ी में समय का प्रवाह जुड़ा होने के कारण इसे गिफ्ट करने से जीवन में रुकावटें, देरी और नकारात्मकता बढ़ सकती है। इसलिए वास्तु के अनुसार घड़ी को उपहार में देने से बचने की सलाह दी जाती है।

जूते-चप्पल

वास्तु शास्त्र जूतों और चप्पलों को अशुद्ध श्रेणी में रखता है। इन्हें किसी को गिफ्ट करने से न केवल संबंधों में कड़वाहट बढ़ सकती है, बल्कि यह सौभाग्य में कमी और मतभेदों का कारण भी बन सकता है। कई मान्यताएं इन्हें तनाव और विवाद का संकेत मानती हैं।

काले रंग की वस्तुएं

काला रंग अक्सर नकारात्मक ऊर्जा, तनाव और अवसाद से जुड़ा माना जाता है। इसलिए काले रंग के कपड़े, बैग, सजावटी वस्तुएं या अन्य सामान उपहार में देना वास्तु में उचित नहीं माना गया है। ऐसा करने से घर और जीवन में नकारात्मक विचार, तनाव या अवांछित परिस्थितियाँ बढ़ने की संभावना बताई जाती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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