Varuthini Ekadashi 2024: 4 मई को मनाई जाएगी वरुथिनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत पारण समय

वैशाख के महीने में 'वरुथिनी एकादशी' मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह एकादशी इस वर्ष 03 मई यानी आज रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 4 मई को रात

By :  Desk
Updated On 2024-05-03 19:57:00 IST
वैशाख के महीने में 'वरुथिनी एकादशी' मनाई जाती है।

Varuthini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकदशी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इस दिन जगत के पालनहार कहे जाने वाले भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकदशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कहते है जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है, और विष्णु भगवान की विधि-विधान के साथ पूजा-आराधना करता हैं, उसे जीवन में कभी धन और वैभव की कमी नहीं रहती है।

कब है वरुथिनी एकादशी 2024?
(Varuthini Ekadashi Date & Time)  

वैशाख के महीने में 'वरुथिनी एकादशी' मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह एकादशी इस वर्ष 03 मई यानी आज रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 4 मई को रात 08 बजकर 38 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के हिसाब से वरुथिनी एकादशी 4 मई को मनाई जानी हैं। 

वरुथिनी एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त
(Varuthini Ekadashi Shubh Muhurt) 

वरुथिनी एकादशी की पूजा 4 मई को सुबह 07 बजकर 18 मिनट से सुबह 08 बजकर 58 मिनट के बीच की जा सकती हैं। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखें और उनकी विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में पूजा करें। व्रत पारण का समय 5 मई सुबह 5 बजकर 37 मिनट से सुबह 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। 

वरुथिनी एकादशी पूजा विधि 
(Varuthini Ekadashi Puja Vidhi) 

वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्नान करें। साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद विष्णु भगवान का अभिषेक करें और उन्हें वस्त्र अर्पण करें। अब विष्णु चालीसा पढ़ें और आरती करें। श्रीहरि को रोली, मोली, पीले चन्दन,अक्षत, पीले पुष्प, ऋतुफल, मिष्ठान भी पूजा में अर्पित करें। 

इन मंत्रों के जाप से पूर्ण होगी पूजा 
(Varuthini Ekadashi Mantra) 

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

2. ॐ विष्णवे नम:

3. ॐ हूं विष्णवे नम:

4. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

5. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं व जानकारियों पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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