Pitru Paksha 2024: तिथि नहीं पता होने पर और अविवाहित पितर का कब करें श्राद्ध? पढ़िए पूरी जानकारी

पितृ पक्ष पूरी तरह से पितरों को समर्पित होता है। सनातन धर्म में पितृ तर्पण और पिंड दान शुभ फलदायी माना गया है। माना जाता है कि, ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में पितृ दोष स

By :  Desk
Updated On 2024-09-16 07:37:00 IST
पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए होता है।

Pitru Paksha Auspicious Date: पितृ पक्ष पूरी तरह से पितरों को समर्पित होता है। सनातन धर्म में पितृ तर्पण और पिंड दान शुभ फलदायी माना गया है। माना जाता है कि, ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए होता है।  इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर 2024, मंगलवार से हो रही है। इन दिनों में पितरों का तर्पण और दान-दक्षिणा करने से सुख-शांति मिलती है। कई लोगों को यह ज्ञात नहीं होता है कि, उनके अपने पितरों की तिथि क्या है। ऐसी स्थिति में उन्हें किस दिन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए? चलिए जानते है इसी तरह के असमंजस भरे सवालों के जवाब इस लेख में -

अविवाहित पितर का कब करें श्राद्ध? 
(Shraddha for unmarried Pitru)

यदि आपके परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु उसके विवाह होने से पहले ही हो गयी थी, तो उस पितर का श्राद्ध 'भरणी श्राद्ध पंचमी तिथि के दिन' किया जाता है। इस बार पंचांग को देखते हुए भरणी श्राद्ध का समय 21 सितंबर सुबह 04:09 बजे से 22 सितंबर दोपहर 02:43 मिनट तक रहेगा। 

नवमी पर किस पितर का करें श्राद्ध? 
(Navmi Par Kis Pitru Ka Kare Shraddha) 

मातृ नवमी को श्राद्ध पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना जाता है। इस तिथि में उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनके मरने से पहले तक उनकी मां, दादी, नानी आदि नहीं थी। इस वर्ष मातृ नवमी 25 सितंबर, 2024 को रहेगी। नवमी तिथि में मातृ पक्ष का श्राद्ध होता है।

तिथि नहीं पता होने पर इस दौरान करें श्राद्ध 
(Pitru Paksha Shraddha auspicious Date)

सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है। इस तिथि में उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। इस तिथि में अज्ञात तिथि वाले पितरों का श्राद्ध करने से आत्मा को मोक्ष मिलता है। यह तिथि इस वर्ष 2 अक्टूबर को पड़ रही है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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