Panna Gemstone: किन राशि के लोगों को पहनना चाहिए पन्ना रत्न? जानें इसके फायदे और नुकसान

रत्न शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह से पन्ना रत्न का संबंध होता है। यह रत्न कन्या और मिथुन राशि वालों के लिए लाभकारी माना गया है। ज्योतिष अनुसार जिन जातकों के जीवन में बुध की

By :  Desk
Updated On 2024-05-24 21:02:00 IST
रत्न शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह से पन्ना रत्न का संबंध होता है।

Panna Kisko Pehanna Chaiye: रत्न शास्त्र में अलग-अलग 9 तरह के रत्नों के बारे में बताया गया है। इन रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से जरूर होता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति मजबूत करने के लिए जातकों को राशि अनुसार रत्न धारण करने चाहिए। इसी कड़ी में हम बात कर रहे है पन्ना रत्न की। जानते है पन्ना किन लोगों के लिए शुभ है और किसके लिए अशुभ। साथ ही जानते है इसके फायदे और नुकसान के बारे में। 

रत्न शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह से पन्ना रत्न का संबंध होता है। यह रत्न कन्या और मिथुन राशि वालों के लिए लाभकारी माना गया है। ज्योतिष अनुसार जिन जातकों के जीवन में बुध की महादशा या फिर अंतरदशा चल रही है, तो उसे पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। कहते है वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए पन्ना रत्न शुभ परिणामों को देने वाला होता है। वहीं, मेष, कर्क और वृश्चिक वालों को पन्ना रत्न धारण करने से बचना चाहिए। 

पन्ना रत्न पहनने के फायदे
(Panna Ratn Pahanane ke Fayde) 

  • - पन्ना पहनने से व्यापार और नौकरी में उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते है। 
  • - आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी पन्ना रत्न लाभकारी माना गया है। 
  • - मां-बेटे और बाप-बेटे के रिश्ते की मजबूती के लिए पन्ना फायदेमंद होता है। 
  • - व्यक्ति की इमैजिनेशन पावर को बढ़ाने के लिए पन्ना धारण करना शुभ है। 
  • - लेखक, मीडियाकर्मी और कलाकारों को पन्ना धारण करना शुभ होता है। 

पन्ना रत्न धारण करने का तरीका 
(Panna Ratn Dharan Karne ka Tarika) 

रत्न शास्त्र के अनुसार न्यूनतम 2 रत्ती का पन्ना धारण करना आवश्यक होता है। इसे सोना या चांदी में जड़वा कर पहन सकते है। पन्ना को बुधवार के दिन हाथ की सबसे छोटी अंगुली यानी कनिष्ठा में धारण करना चाहिए। इसे पहनने से पहले गंगाजल और गाय के कच्चे दूध में शुद्ध करना जरुरी होता है। पन्ना के शुद्धिकरण के बाद इसे लेकर बुध के मंत्रों का जाप करें और अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ कर इसे धारण कर लेवें। 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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