Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर 31 साल बाद बनेगा विशेष योग, यहां जानें क्या करना चाहिए और क्या नहीं

प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 26 फरवरी 2025, बुधवार को आ रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन श्रवण व धनिष्ठा

By :  Desk
Updated On 2025-02-20 07:51:00 IST
ज्योतिषियों के मुताबिक, करीब 31 साल बाद महाशिवरात्रि पर 'बुधादित्य योग' बन रहा है।

Maha Shivaratri 2025 Shubh Yog: प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 26 फरवरी 2025, बुधवार को आ रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्र का युग्म संयोग, परिघ योग एवं शिव योग बन रहा है। यह विशेष संयोग होगा और इस दिन चंद्रमा की मकर राशि में उपस्थिति भी शुभकारी रहेगी। इस वर्ष की महाशिवरात्रि इसलिए भी विशेष है, क्योंकि सन 1965 के बाद से पहली बार सूर्य, बुध और शनि, तीनों ग्रह कुंभ राशि में एक साथ रहेंगे। तीनों ग्रह एक ही जगह मिलकर त्रिग्रही संयोग निर्मित करने वाले है, जो बुधवार के दिन होगा। 

ज्योतिषियों के मुताबिक, करीब 31 साल बाद महाशिवरात्रि पर 'बुधादित्य योग' भी बन रहा है। इस महाशिवरात्रि पर यह बुधादित्य योग जातकों के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी करने वाला साबित होगा। इस शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा अवश्य करें। 

महाशिवरात्रि पूजा से होने वाला फायदा
(Mahashivratri 2025 Puja Benefits)

ज्योतिष के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग के शुभ प्रभाव के चलते इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की आस्था पूर्वक पूजा करें। यह पूजा शुभ मुहूर्त में करने से साधकों को मनवांछित फलों की प्राप्ति होगी। यदि चार प्रहर की पूजा संभव है, तो अवश्य करें जो आपके धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि को बढ़ाने वाली रहेगी। इसके अलावा सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि कुंभ में रहेंगे, इसलिए आध्यात्मिक, धार्मिक उन्नति भी बढ़ेगी। 

क्यों खास है महाशिवरात्रि का पर्व?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती, दोनों ही पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने निकलते है। इसलिए माना जाता है कि, महाशिवरात्रि पर शिव पूजा करने से भगवान अपने भक्तों की पुकार को शीघ्र सुनते है। महाशिवरात्रि की पूजा को एक हजार अश्वमेघ यज्ञ तथा सैकड़ों वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्यकारी बताया गया है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शनि के केंद्र में होने से त्रिग्रही योग बनेगा, जो विशेष फलकारी रहेगा। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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