Home Temple Vastu Tips: भूलकर भी न रखें घर के मंदिर में ये 5 चीजें, जीवन की बर्बादी की बनती है वजह

यदि कोई भी व्यक्ति वास्तु के अनुसार घर के मंदिर से जुड़े नियमों को फॉलो नहीं करता है, तो तमाम पूजा-पाठ के बाद भी उसका मन अशांत बना रहता है। ऐसी स्तिथि में यह जानना जरुरी ह

By :  Desk
Updated On 2024-04-10 06:28:00 IST
कई लोग घर के मंदिर में कुछ ऐसी चीजें रखते है जो वास्तु के हिसाब से गलत है।

Home Temple Vastu Niyam: सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। यही वजह है कि, हर हिंदू परिवार में आपको ईश्वर का मंदिर जरूर मिलता है। घर के मंदिर लोग अपने ईष्ट देव की पूजा करते है और खुशहाली की कामना करते है। ऐसा करते रहने से मन को शांति का अनुभव होता है और जीवन में आ रही कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। लेकिन, कई लोग घर के मंदिर में कुछ ऐसी चीजें रखते है जो वास्तु के हिसाब से गलत है। 

यदि कोई भी व्यक्ति वास्तु के अनुसार घर के मंदिर से जुड़े नियमों को फॉलो नहीं करता है, तो तमाम पूजा-पाठ के बाद भी उसका मन अशांत बना रहता है। ऐसी स्तिथि में यह जानना जरुरी है कि, जीवन में शांति और सकारात्मकता के लिए घर के मंदिर में किन चीजों को नहीं रखना चाहिए। चलिए जानते है- 

एक से अधिक शंख

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कभी भी एक से अधिक शंख नहीं रखने चाहिए। दरअसल, कई लोग मंदिर में कोई छोटा और कोई बड़ा शंख रखने के चक्कर शंखो का ढेर रख लेते है। वास्तु में एक से अधिक शंख रखने को गलत बताया है, ऐसा करने से जीवन समस्याओं से घिरा रहता है। 

माता-पिता की तस्वीर 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में पितरों या अपने पूर्वजों की फोटो नहीं रखनी चाहिए। कई लोग जानकारी के अभाव में ऐसा करते है। वास्तु के अनुसार, घर में पितरों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में ही लगानी चाहिए। अगर वास्तु का ध्यान नहीं रखते है तो घर की क्लेश की स्तिथि बनी रहती है। 

ईश्वर की खंडित मूर्ति

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर मे देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। साथ ही भगवान के रौद्र रूप की तस्वीरें घर के मंदिर में नहीं लगानी चाहिए। दोनों ही तरह की गलतियां आपके जीवन में कठिनाइयों का पुलिंदा लेकर आती है और आर्थिक तंगी बनी रहती है। 

सूखे पुष्प और पूजन सामग्री

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में रोजाना सफाई करनी चाहिए। कई लोग आलस्य में अथवा समय के अभाव में पूर्व में की गई पूजा से जुड़े पुष्प और पूजन सामग्री को वहीं छोड़ देते है, जो बाद में जाकर पुष्प सूख जाते है। वहीं पूजन सामग्री को भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए। 

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