Chaitra Navratri 2024: इन 4 चीजों को नवरात्रि के 9 दिन में कभी न खरीदें, जिंदगी में हो जाता है बवाल

हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान कई चीजों की खरीददारी करना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होत

By :  Desk
Updated On 2024-04-01 18:47:00 IST
हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान कई चीजों की खरीददारी करना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि इस वर्ष 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक रहेगी। मां शक्ति को समर्पित ये नौ दिन कई नियमों की पालना सख्ती से करना जरुरी होता है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग कहते है कि, चैत्र नवरात्रि के दिनों में पूर्ण फल की प्राप्ति के लिए घर में कुछ चीजों को लाने से परहेज करना चाहिए। यहां हम आपको ऐसी ही 4 चीजों के बारे में बता रहे है, जिन्हें इन 9 दिनों के दौरान अपने घर पर लाने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। 

- चावल खरीदने से बचें

चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान चावल ख़रीदना शुभ नहीं माना गया है। कहते है, इन दिनों में चावल की खरीद करने से मां रुष्ट होती है और उनकी कृपा से भी हम वंचित रह सकते है। हालांकि, आप नवरात्रि के दिनों से पूर्व ही चावल खरीदकर अपने घर में रख सकते है। 

- न खरीदें इलेक्ट्रॉनिक सामान 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान नहीं खरीदना चाहिए। कहते है, ऐसा करने से कुंडली के ग्रहों पर नकारात्मक प्रभाव होता है और व्यक्ति को ग्रह दोष का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में नवरात्रि के पहले या पश्चात इनकी खरीददारी करें। 

- काले कपड़े को करें ना 

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान काले कपड़े नहीं खरीदने चाहिए। काले वस्त्रों को अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि, इन दिनों काले कपड़े खरीदना और पहनना, दोनों ही अशुभ है। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके जीवन में तरह-तरह की बाधाएं आने लगती है। 

- लोहे का सामान न खरीदें 

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान लोहे का सामान खरीदने से भी दूर ही रहें। मां दुर्गा के इन दिनों में लोहे का सामान खरीदने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्तिथि में बेहतर यही है कि, धार्मिक मान्यताओं का पालन किया जाए। 

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