Anant Chaturdashi 2024: कब है अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन? नोट करें तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और कथा

अनंत चतुर्दशी गणेश उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन गजानन जी की मूर्ति का विसर्जन होता है और श्री हरि विष्णु जी की विधिवत पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अन

By :  Desk
Updated On 2024-08-29 15:28:00 IST
अनंत चतुर्दशी को अनन्त चौदस के नाम से भी जाना जाता है।

Anant Chaturdashi 2024 Date and Time: अनंत चतुर्दशी गणेश उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन गजानन जी की मूर्ति का विसर्जन होता है और श्री हरि विष्णु जी की विधिवत पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अनंत चतुर्दशी एक सिद्ध दिन है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखकर और उनकी पूजा करने से साधक को अनंत काल तक के पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रतिवर्ष यह तिथि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर आती है। चलिए जानते है, इस वर्ष 2024 में अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन कब है? साथ ही जानेंगे अनंत चतुर्दशी पर विष्णु पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व। 

अनंत चतुर्दशी 2024 तारीख
(Anant Chaturdashi 2024 Date)

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024, मंगलवार को मनाई जायेगी। अनंत चतुर्दशी को अनन्त चौदस (Anant chaudas 2024) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विश्वकर्मा पूजा की जायेगी। साथ ही भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग की पूजा करने का भी विधान है। इस दिन अनन्त सूत्र बांधा जाता है। 

अनंत चतुर्दशी का महत्व 
(Anant Chaturdashi Significance)

धार्मिक मान्यता है कि, अनंत चतुर्दशी व्रत करने पर छात्रों को शिक्षा में उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होगी। साथ ही धन की इच्छा रखने वाले साधकों को धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा ईश्वर की कामना करने वाले को अनन्त काल तक के लिए ईश्वर का सानिध्य मिलता है। 

अनंत चतुर्दशी 2024 पूजा मुहूर्त 
(Anant Chaturdashi 2024 Puja Muhurat)

भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर 2024 दोपहर 05.10 बजे होगी। वहीं इसका समापन 17 सितंबर 2024, सुबह 11.44 बजे होगा। अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06.07 बजे से सुबह 11.44 तक रहेगा। वहीं गणेश विसर्जन मुहूर्त दोपहर 03.19 से शाम 04.51 तक रहेगा। 

अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा 
(Anant Chaturdashi Katha)

अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। कथा महाभारत के समय की है, जब युधिष्ठिर अपने भाइयों और द्रोपदी के साथ वनवास में कष्ट भरा जीवन झेल रहे थे। उसी दौरान श्रीकृष्ण ने उन्हें कष्टों से मुक्ति के लिए और अपना खोया राज्य एवं ऐश्वर्य फिर से प्राप्त करने के लिए 'अनन्त व्रत' करने को कहा। इसके फलस्वरूप पांडवों को उनका राजकाल फिर से मिला। मान्यता है कि भगवान श्री अनन्त का व्रत रखने से इच्छानुसार अनन्त फल की प्राप्ति होती है। 

अनंत सूत्र क्या हैं? 
(Anant Sutra Kya Hai)

अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। मान्यता है कि, अनंत सूत्र में भगवान श्री हरि विष्णु का वास होता है। अनंत सूत्र में 14 गांठें होनी चाहिये। मान्यता है कि अनंत सूत्र की ये 14 गांठे 14 लोकों से संबंध रखती है। जीवन में विशेष फलों की प्राप्ति के लिए चौदह वर्षों का अखण्ड व्रत संकल्प लें। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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