Akshaya Tritiya 2025: 30 अप्रैल अक्षय तृतीया को बन रहे 7 शुभ योग, एक उपाय से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

प्रतिवर्ष वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 'अक्षय तृतीया पर्व' के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 30 अप्रैल बुधवार को मनाई जायेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, अक

By :  Desk
Updated On 2025-04-27 16:15:00 IST
प्रतिवर्ष वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 'अक्षय तृतीया पर्व' के रूप में मनाया जाता है।

Akshaya Tritiya 2025 Shubh Yog Aur Upay: प्रतिवर्ष वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 'अक्षय तृतीया पर्व' के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 30 अप्रैल बुधवार को मनाई जायेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल 2025 शाम 5 बजकर 32 पर होगी। वहीं, इसका समापन 30 अप्रैल 2025 दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए अक्षय तृतीया पर्व 30 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अक्षय तृतीया के दिन शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जा सकती है। इस पर्व को अबूझ मुहूर्त के नाम से भी पहचाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन जरूरतमंदों को दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि, अक्षय यानी जिसका कभी क्षय न हो, इसलिए इस दिन जो भी दान दिया जाएगा, उसका शुभ फल कभी समाप्त नहीं होगा। साथ ही इस दिन बहुमूल्य चीजों की खरीददारी करना शुभ माना गया है। 

अक्षय तृतीया 2025 पर 7 शुभ योग
(Akshaya Tritiya 2025 Shubh Yog)

ज्योतिष के मुताबिक, इस वर्ष 30 अप्रैल को प[पड़ रही अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग, रवि योग, चतुग्रही योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग एवं शोभन योग और लक्ष्मी नारायण राजयोग निर्मित हो रहे है। इन सभी शुभ योगों के कारण साधकों को आकस्मिक धन लाभ और तरक्की की प्राप्ति होगी। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा अवश्य करें। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06.15 से दोपहर के 12.30 बजे तक रहने वाला है। 

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का तरीका
(Maa Lakshmi Ko Khush Karne Ka Tarika)

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए विधिवत पूजा करें। साथ ही घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। कहते हैं, मां लक्ष्मी का आगमन घर के मुख्य प्रवेश द्वार से ही होता है। ऐसा करने मां लक्ष्मी की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है। साथ ही धन-धान्य में वृद्धि होती है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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